डेंगू के मच्छरों ने सबसे अधिक युवाओं को काटा

पटना
इस बार डेंगू के डंक ने सबसे अधिक युवाओं को परेशान किया। बुजुर्ग कम शिकार हुए, जबकि महिलाओं की संख्या से दोगुने पुरुष बीमारी से पीड़ित हुए हैं। डेंगू का प्रकोप नवंबर के मध्य तक रहने की आशंका है। यह कहना है स्वास्थ्य विभाग के इंटीग्रेटेड सर्विलांस प्रोग्राम में शामिल विशेषज्ञों का। डेंगू का प्रकोप इतना है कि इस बार राज्य में अब तक मरीजों की संख्या 2661 हो गई है। प्रदेश के चार जिलों में डेंगू का प्रकोप अधिक है।

इंटीग्रेटेड सर्विलांस प्रोग्राम के विशेषज्ञों ने सर्वे में पाया है कि 21 से 30 आयुवर्ग के लोग सबसे अधिक डेंगू से पड़ित हुए हैं। इसका मुख्य कारण युवाओं द्वारा शरीर को कपड़े से ढंक कर नहीं रखना है। इस आयु वर्ग के युवा कुल मरीजों के 32 प्रतिशत हैं। इसके बाद बच्चे पीड़ित हैं। 11 से 20 आयुवर्ग के 28 प्रतिशत इस बीमारी की चेपेट में हैं। 31 से 48 आयुवर्ग के 15 प्रतिशत तथा 48 से 50 आयुवर्ग या उससे अधिक उम्र वाले 10 प्रतिशत लोग पीड़ित हुए हैं। कुल मरीजों में 69 प्रतिशत पुरुष तो 31 प्रतिशत महिलाएं हैं।

पटना जिले में 1937, भागलपुर में 115, नालंदा में 73 तथा वैशाली में 54 डेंगू के मरीज अब तक मिले हैं। टीम की डॉ. रजनी का कहना है कि डेंगू का प्रकोप नवंबर के मध्य तक रह सकता है। 2017 में भी इस वर्ष की तरह डेंगू के मरीज मिले थे। सर्विलांस टीम के विशेषज्ञों का कहना है कि जिन लोगों ने फुल शर्ट और पैंट का इस्तेमाल किया है वे डेंगू से अब तक बचे हुए हैं। जिनका शरीर अधिक खुला रहा उन पर डेंगू का अटैक हुआ। इसीलिए लोगों से अपील की गई है कि बच्चों को फुल शर्ट और पैंट जरूर पहनाएं।

शहर के 60 अस्पतालों में डेंगू जांच की सुविधा

डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने 60 अस्पतालों में जांच की सुविधा प्रदान की है। इसमें 23 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 22 शहरी पीएचसी, चार अनुमंडलीय अस्पताल तथा एक जिला अस्पताल शामिल हैं। इसके अलावा पांच प्राइवेट अस्पतालों में भी जांच की सुविधा दी गई है तथा प्रत्येक दिन डेंगू के मरीजों की रिपोर्ट ली जा रही है। पांच मेडिकल कॉलेजों में भी डेंगू की जांच हो रही है। इनमें पीएमसीएच, एनएमसीएच, आरएमआरआई, आईजीआईएमएस और पटना एम्स शामिल हैं। सिविल सर्जन ने बताया कि शुरुआती दौर में डेंगू के मरीजों को जांच में परेशानी जरूर होती थी, लेकिन अब 60 अस्पतालों में जांच की सुविधा होने से परेशानी कम हुई नोहै।

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