ट्रेन में कपड़े के झूले में यातना के सफर की मजबूरी

सहरसा 
 
रोजगार के लिए निकले कोसी और सीमांचल के मजदूरों से ट्रेनों में जगह कम पड़ने लगी है। खासकर दिल्ली-पंजाब की ओर जाने वाली ट्रेनों में सबसे अधिक भीड़ है।  जनसेवा एक्सप्रेस में भारी भीड़ के चलते अमृतसर तक का 26 घंटे का सफर किसी यातना से कम नहीं रह गया है। अनेक लोगों को ट्रेन में कपड़े के झूले में लटक कर सफर करना पड़ रहा है।

कैसे कटता है मजबूरी का सफर:
जनसेवा एक्सप्रेस के हर कोच में सीट में कपड़े को बांधकर यात्री झूला बना लेते हैं और फिर इसमें लेटकर डेढ़ हजार किलोमीटर से अधिक का सफर तय करते हैं।  सोमवार को जनसेवा एक्सप्रेस से अमृतसरजा रहे कुमारखंड निवासी परमेश्वर महतो ने भीड़ के कारण ट्रेन में कपड़े बांधकर झूला बनाया। इसी में लेटकर वे अमृतसर के लिए रवाना हुए। उन्हीं की तरह अन्य डिब्बों में भी अनेक लोग थे जो ऐसे ही सफर कर रहे थे। 

हजारों लोग रह गए स्टेशन पर 
इन दिनों  कोसी, सीमांचल इलाके के अलावा नेपाल बॉर्डर पास के लोग हजारों की संख्या में रोज पंजाब, हरियाणा और दिल्ली का रुख कर रहे हैं। सोमवार को जनसेवा के अलावा अंबाला के लिए चली जनसाधारण स्पेशल में भी यात्रियों की भारी भीड़ रही। ट्रेनों में भारी भीड़ के चलते अनेक लोग ट्रेन में चढ़ नहीं पाने के कारण सहरसा स्टेशन पर ही रह गए। 
 
कम कोच के साथ चली जनसेवा एक्सप्रेस
यात्रियों की भारी भीड़ के बावजूद सोमवार को कम कोच के साथ जनसेवा एक्सप्रेस चली। ट्रेन में 22 की बजाय सिर्फ 16 कोच ही थे। यह हाल तब है जब रोज 12 से 14 हजार की संख्या में मजदूर दिल्ली, पंजाब का रुख कर रहे हैं।

क्या कहते हैं अफसर
सीनियर डीसीएम वीरेन्द्र कुमार ने  कहा कि 12 जून को अंबाला से सहरसा के लिए स्पेशल ट्रेन(05534)चलेगी। अंबाला से यह अहले सुबह  3.10 बजे चलेगी और दूसरे दिन सुबह 9 बजे सहरसा पहुंचेगी।
 
तीन दिन में कटे 49 हजार टिकट 
सहरसा स्टेशन के टिकट काउंटर पर तीन दिन में 49 हजार टिकटों की बिक्री से रेलवे को 98 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ।  रेल अधिकारियों के अनुसार सात जून को 17 हजार टिकट की बिक्री हुई थी, जबकि आठ जून को लगभग 14 हजार टिकट बिके। वहीं नौ जून को भी 18 हजार टिकट की बिक्री हुई।

आंकड़े
– रोजाना दिल्ली-पंजाब जा रहे 15 से 18 हजार यात्री 
– जून से पहले औसतन 10 हजार यात्री करते थे सफर 
– जानेवालों में कोसी, सीमांचल के मजदूर अधिक

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