ट्रांसफर ने तोड़ी मध्य प्रदेश पुलिस की कमर, थाना स्तर पर चरमराया सिस्टम

मध्यप्रदेश में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के ताबड़तोड़ ट्रांसफर से सब परेशान हैं. पुलिस की तो मानो कमर ही तोड़कर रख दी है. प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ रही है और थाना स्तर पर पर पुलिस सिस्टम चरमराया गया है..थोक में हुए तबादलों का असर पुलिस मुख्यालय की व्यवस्थाओं पर भी पड़ा है.

राज्य शासन ने सब इंस्पेक्टर से लेकर टीआई और एसपीएस के साथ आईपीएस अफसरों के बड़ी संख्या में ट्रांसफर किए हैं.रेंज और जिला स्तर पर 250 से ज्यादा पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर का सीधा असर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर पड़ा है. सतना में जुड़वा भाइयों का अपहरण हुआ और इसी बीच आईजी का ट्रांसफर कर दिया गया.

ज़िला स्तर से लेकर पुलिस मुख्यालय तक किए गए थोक ट्रांसफर से भी लॉ एंड ऑर्डर पर खासा असर पड़ता है. पुलिस मुख्यालय में ट्रेनिंग से लेकर प्लानिंग, सीआईडी से लेकर प्रबंध और महिला अपराध से लेकर दूसरे दीगर कामकाज प्रभावित होते हैं.दूसरे अफसरों के आने से काम की गति फिर से धीमी हो जाती है…

दो महीने में अपराध का ग्राफ

-प्रदेश में पिछले 2 महीनों में 12 हजार से ज्यादा अपराध हुए
-6310 महिला अपराध दर्ज,
-सबसे ज्यादा 445 केस भोपाल
-उज्जैन में 348 केस
– ग्वालियर में 325 केस
-332 हत्या के मामले में सबसे ज्यादा 21 इंदौर
-सीएम कमलनाथ के गृह ज़िले छिंदवाड़ा में 19
-भोपाल में 15 केस
-प्रदेश में 5467 चोरी, 213 लूट और 3 डकैती की वारदात हुईं
– 38 साइबर अपराध

बीजेपी ने पुलिस विभाग में किए थोक में ट्रांसफर को लेकर सवाल खड़े किए हैं. लेकिन कांग्रेस का कहना है ये तो सरकार का अधिकार है.रिटायर्ड पुलिस अधिकारियों का भी मानना है कि बेहतर व्यवस्था के लिए ट्रांसफर ज़रूरी है.लेकिन सवाल ये है कि एक साथ थोक और ताबड़तोड़ तबादले करने से पुलिस प्रशासन के काम पर सीधा असर पड़ता है. पुलिस वाले इधर से उधर जाने के लिए अपना बोरिया बिस्तर समेटने में लगे हैं. ऐसे में अपराधियों पर लगाम कौन लगाए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *