टीवी ऐक्ट्रेस और गोविंदा की भांजी सौम्या सेठ भी कर चुकी हैं आत्महत्या की कोशिश

 

ऐक्टर सुशांत सिंह राजपूत की खुदकुशी की खबर ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। एक तरफ जहां उनका पूरा परिवार, दोस्त और फैन्स सदमे में हैं, तो वहीं वे यह भी सोच रहे हैं कि सुशांत किस तकलीफ और किस हद तक डिप्रेशन से जूझ रहे होंगे कि उन्हें ऐसा कदम उठाना पड़ा। सुशांत की मौत ने एक बार फिर मेंटल हेल्थ और डिप्रेशन के प्रति लोगों की आंखें खोल दी हैं व नई बहस को जन्म दिया है। सौम्या सेठ ने भी अपनी दर्दनाक आपबीती सुनाई और बताया कि कैसे वह आत्महत्या के नए-नए आइडिया सोचती रहती थीं।

सोशल मीडिया पर उड़ेला दर्द
सौम्या ने इंस्टाग्राम पर एक लंबे नोट में आपबीती शेयर की और बताया कि कैसे उनके मन में सुइसाइड के ख्याल आते थे। साथ ही उन्होंने बताया है कि इससे बाहर कैसे निकला जा सकता है।

'उम्मीद है मेरा अनुभव किसी और की जान बचाएगा'
सौम्या ने पोस्ट शेयर करते हुए कैप्शन लिखा है, 'कभी नहीं सोचा था कि मैं यह बात दुनिया के सामने रखूंगी। मुझे उम्मीद है कि मेरा अनुभव किसी और की जिंदगी को बचा सकता है।'

'लोगों के जाते ही आत्महत्या के तरीके खोजती'
पोस्ट में एक किस्सा बताते हुए सौम्या ने लिखा, 'मैं जानती हूं कि पहले कुछ महीनों तक मेरे मन में आत्महत्या करने के ख्याल आए। अपनी मीठी सी मुस्कान और प्यारे से स्वभाव के पीछे मैंने अपनी आत्महत्या के ख्यालों को छिपाया हुआ था। मैं इवेंट्स में जाती थी। सबको हंसकर गले लगाकर मिलती थी। उनके साथ हंसती थी। लेकिन जैसे ही लोग अपने घरों को लौटते, मैं खुद को खत्म करने के लिए अलग-अलग आइडिया तलाशती। मैं अपनी लाइफ से तंग आ चुकी थी।'

सौम्या ने आगे लिखा, 'मैंने शीशे में खुद को देखा…यकीन ही नहीं हुआ कि वह मैं हूं। मैंने अपने हाथों और चेहरे पर खरोंचें देखीं। मेरे सिर में तेज दर्द हो रहा था। मेरे अंदर की जिंदगी मर चुकी थी। मैं सांस तो ले रही थी, लेकिन वे निरर्थक थीं। मुझे ऐसा लगता था कि सबने मुझे छोड़ दिया है, कोई मुझे प्यार नहीं करता है। लेकिन मैं खुद की जान नहीं ले पाई। मैं ऐसा नहीं कर सकती थी। मुझे हर हाल में जीना ही था। यूं समझ लीजिए कि मुझे जिंदा रहने के लिए मजबूर किया गया। क्योंकि मैं प्रेगनेंट थी। अगर बात सिर्फ मेरी ही होती, तो कब का यह कदम उठा लेती। लेकिन वह मुझ तक ही सीमित नहीं थी। जिस चीज की वजह से मुझे सबसे ज्यादा गुस्सा आया, वह यह कि किसी को वाकई सच्चाई नहीं पता।'

'हर किसी के लिए हर कोई होता तो शायद…'
सौम्या ने कहा, 'आज मैं जानती हूं कि जिन लोगों ने सुइसाइड किया, वे मेरी, तुम्हारी और सुशांत की बराबर ही मजबूत होंगे। प्रत्युषा बनर्जी याद है, कभी कभी सक्सेसफुल करियर, अच्छा परिवार भी लोगों को विरोधी बना सकता है। मैं जानती हूं कि हर किसी के लिए हर कोई है। लेकिन वाकई ऐसा होता तो शायद दुनिया में कभी कोई अकेला महसूस नहीं करता।'

आत्महत्या न करने के लिए सौम्या की अपील
सौम्या ने आगे उन लोगों से गुजारिश की, जिन्हें मन में आत्महत्या के विचार आते हैं। उन्होंने लिखा, 'जिस किसी को भी आत्महत्या का ख्याल आता, उन सभी से मेरी गुजारिश है कि आपको पता होना चाहिए कि आपको प्यार करने वाले हैं जो आपकी बात सुनेंगे। अगर बात नहीं बनती और कुछ समझ नहीं आता है तो खुद को शीशे में देखो। देखो तुम कितने शानदार हो और सारी खूबियों के हकदार हो। मजबूत बनो और दूसरों के लिए प्रेरणादायी भी।'

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