‘झारखंड हिंसा से मैं आहत पर पूरे राज्य को दोषी ठहराना गलत’

नई दिल्ली
लोकसभा में विपक्ष और कांग्रेस पर बरसने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में भी कांग्रेस पर तीखे वार किए। प्रधानमंत्री ने अपने चिर-परिचित अंदाज में 'जनादेश पर सवाल उठाने वालों', हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ने वालों पर जमकर हमला बोला। गालिब के शेर 'ताउम्र गालिब यह भूल करता रहा, धूल चेहरे पर थी, आईना साफ करता रहा ' के जरिए ईवीएम की बहानेबाजी को लेकर विपक्ष पर तीखा तंज भी कसा। कांग्रेस पर देश की जनता और मतदाता का अपमान का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इतना अहंकार ठीक नहीं कि कांग्रेस जीते तो देश जीता और कांग्रेस हारी तो देश हार गया। मोदी ने इसके साथ ही 'एक देश, एक चुनाव' के मुद्दे पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में न आने को लेकर भी कांग्रेस पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने झारखंड में हुई मॉब लिंचिंग की घटना की भी निंदा की। पीएम मोदी ने कहा कि वह झारखंड में हुई इस घटना से आहत हुए हैं। आइए सिलसिलेवार ढंग से जानते हैं पीएम मोदी ने राज्यसभा में क्या-क्या कहा।

दिवंगत सदस्य मदनलाल सैनी को श्रद्धांजलि
पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद रहे मदनलाल सैनी को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने कहा, 'नए जनादेश के बाद आज पहली बार राज्यसभा के सभी सदस्यों के बीच अपनी बात रखने का मौका मिला है। पहले से अधिक जनसमर्थन और अधिक विश्वास के साथ हमें दोबारा देश की सेवा करने का अवसर देशवासियों ने दिया है। मैं सबका आभार प्रकट करता हूं। लेकिन दूसरे टर्म की शुरुआत में ही हमारे सदन के आदरणीय सदस्य मदनलाल जी हमारे बीच नहीं रहे, मैं उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं।'

'अरुण जेटली को सुनने का फिर सौभाग्य मिलेगा'
राज्यसभा के हर सत्र में अरुणजी (जेटली) की वाकपटुता, उसे सुनने के लिए हर सदस्य उत्सुक रहता है, लेकिन वह स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। फिर से हमें वह सौभाग्य प्राप्त होगा। इसका हमें विश्वास है।

मॉब लिंचिंग के लिए किसी पूरे राज्य को दोषी बताना ठीक नहीं
पीएम ने कहा कि झारखंड में मॉब लिंचिंग की घटना से वह आहत हैं। उन्होंने कहा कि यह कहना कि झारखंड मॉब लिंचिंग का अड्डा बन गया है, ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि क्या झारखंड राज्य को दोषी बता देना सही है? जो बुरा हुआ है उसे अलग करें। लेकिन सबको कठघरे में रखकर राजनीति तो कर लेंगे। पूरे झारखंड को बदनाम करने का हक हमें नहीं है। वहां भी सज्जनों की भरमार है। न्याय हो, इसके लिए कानूनी व्यवस्था है।

'चर्चा में खट्टापन, मीठापन, व्यंग्य, आक्रोश सब कुछ रहा'
पिछले 2 दिन से जो चर्चा चल रही है, उस चर्चा में गुलामनबी आजाद, दिग्विजय सिंह समेत करीब 50 सदस्यों ने इसमें हिस्सा लिया। सबने अपने-अपने तरीके से अपनी बात बताई है। कहीं खट्टापन भी था, कहीं तीखापन भी था। कभी व्यंग्य भी था, कहीं आक्रोश भी था। कहीं पर रचनात्मक सुझाव भी थे, कहीं जनता जनार्दन का अभिवादन भी था। हर तरह के भाव यहां प्रकट हुए हैं। कुछ लोग वो भी थे जिन्हें मैदान में जाने का मौका नहीं मिला तो वहां जो गुस्सा निकालना था, उसे यहां निकाला।

दशकों बाद दोबारा एक पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनी
यह चुनाव बहुत खास रहा। कई दशकों के बाद दोबारा एक पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनना, भारत के मतदाताओं के मन में राजनीतिक स्थिरता का महत्व क्या है, एक परिपक्व मतदाता की इसमें सुगंध महसूस हो रही है। यह सिर्फ इस चुनाव की बात नहीं है। हालियां कई चुनावों में मतदाताओं ने स्थिरता को तवज्जो दिया।

इस बार का चुनाव खुद जनता लड़ रही थी
बहुत कम ऐसे मौके आते हैं जब चुनाव स्वयं जनता-जनार्दन लड़ती है। 2019 का चुनाव दलों से परे देश की जनता लड़ रही थी। जनता खुद सरकार के कामों की बात लोगों तक पहुंचाती थी। जिसे लाभ नहीं पहुंचा, वह भी इस विश्वास से बात कर रहा था कि उसको मिला है, मुझे भी मिलने वाला है।

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