जेल में लायी गयीं थी नींद की गोलियां और फिर फरार हुए क़ैदी!

नीमच की कनावटी जेलब्रेक मामले में चौंकाने वाले ख़ुलासे हुए हैं. जेलब्रेक की साज़िश 6 महीने से रची जा रही थी. जेल ब्रेक से पहले जेल में नींद की 80 गोलियां लायी गयी थीं.

नीमच की कनावटी जेलब्रेक मामले में फरार हुए 4 क़ैदियों में से अब तक दो क़ैदी पकड़े जा चुके हैं. इनके नाम लेखराम बावरी और मिट्ठूलाल हैं. लेखराम बावरी हत्या और लूट के केस में सज़ायाफ्ता था. पुलिस पूछताछ में लेखराम बावरी ने किए कई चोंकाने वाले खुलासे किए हैं. उसके मुताबिक जेल ब्रेक की साज़िश 6 महिने से रची जा रही थी. उसने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक जेल प्रशासन और ड्रग डीलरों की सांठ गांठ है.

पता चला है कि लेखराम बावरी ने ये भी बताया कि जेल में नींद की 80 गोलियां लायी गयी थीं. उसने जेल ब्रेक के लिए रुपए देकर बैरेक भी बदलवाया था. फरार होने के बाद 4 दिन तक आरोपी जंगल में छुपे रहे थे.

गेट खुले छोड़े थे- ये भी ख़ुलासा हुआ था कि इन प्रहरियों ने जेल के गेट खुले छोड़ दिए थे ताकि क़ैदी भाग सकें. बैरक की सलाखे काटने के लिए औज़ार भी कहीं न कहीं इन्ही के ज़रिए जेल लाए गए थे.  पुलिस को संदेह है कि  बैरक के सरिए आरी से नहीं बल्कि इलेक्ट्रिक कटर से काटे गए थे और बाकी क़ैदियों को छाछ में नींद की कोई चीज मिलाकर पिला दी गयी थी.

जेल ब्रेक- 23 जून की अलसुबह 4.32 बजे कनावटी जेल से एनडीपीएस एक्ट एवं हत्या के 4 आरोपी रस्‍सी के सहारे जेल की दीवार फांदकर फरार हो गए थे.उसके बाद एसपी राकेश कुमार सगर ने नीमच केंट में धारा 364/19 धारा 224 भादवि में प्रकरण दर्ज कर मामले को जांच में लिया. चारों बंदियों की गिरफ्तारी पर पुलिस महानिदेशक ने 50-50 हजार रूपए का इनाम घोषित किया था.

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