जेपी मॉर्गन की 187 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क, आम्रपाली से जुड़ा है मामला

नई दिल्ली
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि उसने बहुराष्ट्रीय कंपनी जेपी मॉर्गन की 187 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली है, जिस पर आम्रपाली समूह के घर खरीदारों के पैसे के गबन में शामिल होने का आरोप है। वहीं, दूसरी तरफ जेपी मॉर्गन इंडिया ने किसी तरह का गलत काम करने की बात से इनकार किया है और कहा कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा संपत्तियों की कुर्की करना पूरी तरह गैर कानूनी है।

आम्रपाली ग्रुप के साथ कोई लेनदेन नहीं- जेपी मॉर्गन
उसका कहना है कि कंपनी आम्रपाली समूह के साथ किसी तरह के वित्तीय लेनदेन में शामिल नहीं थी और जेपी मॉर्गन सिंगापुर तथा मॉरीशस ने कथित तौर पर इस रियल एस्टेट समूह में निवेश किया था। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति यू यू ललित की पीठ ने ईडी से जेपी मॉर्गन इंडिया की शिकायत पर संक्षिप्त जवाब दाखिल करने को कहा। दलीलों के दौरान जेपी मॉर्गन इंडिया की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को बहुराष्ट्रीय कंपनी के खाते को जब्त किया है ताकि शीर्ष अदालत के निर्देशानुसार पैसे की वसूली की जा सके।

जेपी मॉर्गन इंडिया ने कार्रवाई को गैर कानूनी बताया
रोहतगी ने कहा कि जेपी मॉर्गन इंडिया की संपत्तियों की कुर्की पूरी तरह अवैध है क्योंकि बहुराष्ट्रीय कंपनी ने आम्रपाली समूह में एक पैसा भी निवेश नहीं किया है और जेपी मॉर्गन सिंगापुर तथा मॉरीशस ने पैसा लगाया है। इस पर पीठ ने कहा कि अदालत को जेपी मॉर्गन से मतलब है, जिसकी पूरी दुनिया में शाखाएं हैं और जब किसी कंपनी की पूरी दुनिया में शाखाएं हैं तो सबकुछ देखना होता है।

आम्रपाली ग्रुप में निवेश पर जेपी मॉर्गन कर रही काम
पीठ ने कहा कि ईडी को जेपी मॉर्गन इंडिया के आवेदन पर अगली सुनवाई तक संक्षिप्त जबाव दाखिल करना होगा। एसबीआईसीएपी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने शीर्ष अदालत से कहा कि वित्तीय संस्था इस समय आम्रपाली समूह की रुकी हुई परियोजनाओं में पैसा लगाने में पूरी तत्परता से काम कर रही है और उनसे परियोजनाओं को फिर शुरू करने के लिए कुछ पैसा जारी करने का अनुरोध करेगी।

3 जून को अगली सुनवाई
पीठ ने कहा कि वह एसबीआईसीएपी का पक्ष अगले सप्ताह सुनेगी। पीठ ने अगली सुनवाई के लिए तीन जून की तारीख तय की। केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने एसबीआईसीएपी को शुरुआती पूंजी निवेश के अधिकार दिये हैं।

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