जिस रनवे से उड़कर लापता हो गया AN-32 वहीं ड्यूटी कर रही थी पायलट की पत्नी

जोरहाट

असम के जोरहाट से अरुणाचल प्रदेश के लिए उड़ान भरने के बाद से भारतीय वायुसेना का एएन-32 विमान लापता है, जिसकी तलाश लगातार जारी है. इस विमान को पायलट आशीष तंवर उड़ा रहे थे. वो हरियाणा के पलवल के रहने वाले हैं. उनकी पत्नी संध्या तंवर और बहन भी भारतीय वायुसेना में तैनात हैं. आशीष की पत्नी संध्या तंवर एयर ट्रैफिक कंट्रोल में काम करती हैं.

जब आशीष तंवर ने असम के जोरहाट से उड़ान भरी, उस समय उनकी पत्नी संध्या तंवर जोरहाट में ड्यूटी पर मौजूद थीं. पायलट आशीष तंवर अपनी पत्नी संध्या के साथ 18 मई को छुट्टी बिताकर ड्यूटी ज्वाइन की थी. जब से आशीष तंवर के विमान के साथ लापता होने की खबर फैली है, तब से पलवल में उनके घर पर आने वाले लोगों का तांता लगा हुआ है.

वहीं, मंगलवार को भारतीय वायुसेना ने बताया कि लापता एएन-32 विमान का पता लगाने के लिए व्यापक स्तर पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. इस तलाशी अभियान में भारतीय नौसेना का पी-8 आई, RISAT सैटेलाइट, मल्टी सेंसर से लैस एयरक्राफ्ट भी लगे हुए हैं. भारतीय सेना और सरकारी एजेंसियों से भी मदद ली जा रही है.

भारतीय वायुसेना को तलाशी अभियान के दौरान हिमालय में 5 पर्वतारोहियों के शव बरामद हुए. करीब एक सप्ताह पहले नंदा देवी की चोटी के पास से 8 पर्वतारोहियों का एक दल लापता हो गया था.

आपको बता दें कि सोमवार को जोरहाट एयरबेस से उड़ान भरने के बाद भारतीय वायुसेना का विमान एएन-32 लापता हो गया था. इस विमान ने दोपहर 12.25 बजे उड़ान भरी थी और आखिरी बार दोपहर एक बजे विमान से संपर्क हुआ था. इसके बाद से एएन-32 विमान को कोई सुराग नहीं मिला है. वायुसेना के मुताबिक विमान में 8 चालक दल के सदस्य और 5 यात्री सवार थे.

इस घटना के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय वायुसेना के वाइस चीफ एयर मार्शल राकेश सिंह भदौरिया से जानकारी ली. इसके बाद राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय वायुसेना के लापता एएन-32 विमान की तलाशी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. रक्षामंत्री ने विमान में सवार सभी लोगों की सलामती की दुआ की है.

पहले भी लापता हो चुका है AN-32 विमान

भारतीय वायुसेना का एएन-32 विमान पहले भी लापता हो चुका है. साल 2016 में एएन-32 विमान ने चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर के लिए उड़ान भरी थी और लापता हो गया था. इसमें भारतीय वायुसेना के 12 जवान, 6 चालक दल के सदस्य, एक नौसैनिक, एक सेना का जवान और एक ही परिवार के 8 सदस्य सवार थे. उस समय इस विमान की तलाशी के लिए एक पनडुब्बी, 8 विमान और 13 पोत लगाए गए थे लेकिन आज तक उसका सुराग नहीं लग सका.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *