जिनमें लीडरशिप क्वॉलिटी,उन्हें मिली बीजेपी की नई टीम में जगह

नई दिल्ली
बीजेपी प्रदेश संगठन की नई टीम में जगह पाने के लिए इन दिनों दावेदार एढ़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। कोई प्रदेश की टीम में जगह बनाने में लगा हुआ है, कोई जिला और मंडल स्तर पर जगह बनाने की कोशिश कर रहा है, मगर पिछले दिनों प्रदेश कार्यालय में हुई कोर कमिटी मीटिंग में सांगठनिक स्तर पर फेरबदल करने और नई टीम बनाने के संदर्भ में जो फैसले लिए गए, उसके बाद कई लोगों का पत्ता अपने आप कटना तय है।

सूत्रों के मुताबिक, इस मीटिंग में प्रदेश पदाधिकारी के लिए जहां लीडरशिप क्वॉलिटी, संगठन की गहरी समझ, सबको साथ लेकर चलने की क्षमता, जमीनी स्तर पर मजबूत पकड़ और सोशल मीडिया पर ऐक्टिवनेस जैसे कई पैमाने सेट किए गए हैं, तो वहीं मंडल अध्यक्ष और जिलाध्यक्ष के पद के लिए एज लिमिट भी तय कर दी गई है।

सूत्रों से पता चला है कि कोर कमिटी की मीटिंग में बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से भेजे गए दोनों पर्यवेक्षक राष्ट्रीय संगठन महामंत्री अरुण सिंह और महिला मोर्च की अध्यक्ष विजया राहटकर ने जोर देकर कहा है कि दिल्ली के संगठन को पूरे देश के लिए उदाहरण पेश करना होगा और इसलिए एक ऐसी टीम चुनी जाए, जो हर लिहाज से मजबूत हो।

विजया राहटकर ने तो यह भी दावा किया कि पार्टी के इतिहास में पहली बार केंद्रीय नेतृत्व ने किसी प्रदेश की टीम के गठन के लिए पर्यवेक्षक भेजे हैं, इसलिए यह तय है कि बेहद सोच समझकर नई टीम चुनी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने तय किया है कि मंडल अध्यक्ष के पद के लिए ऐसे किसी भी दोवदार के नाम पर विचार नहीं किया जाएगा, जिसकी उम्र 45 साल से ज्यादा होगी।

इसी तरह जिलाध्यक्ष के पद के लिए 55 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों के नामों पर विचार नहीं किया जाएगा। पार्टी नेताओं का मानना है कि संगठन में निचले स्तर पर ऐसे पदाधिकारियों को नियुक्त करने की आवश्यकता है, जो उर्जावान भी हों और अनुभवी भी, जो भागदौड़ भी कर सके और लोगों के बीच जाकर उन्हें पार्टी के विचारों और कार्यक्रमों से भी जोड़ सके। उनमें सबको साथ लेकर चलने की क्षमता भी हो और जो आने वाले एमसीडी चुनावों में पार्टी के लिए जमीनी स्तर पर मजबूत आधार तैयार कर सकें।

यही वजह है कि जिला और मंडल स्तर पर उम्र को एक अहम फैक्टर बनाया गया है। वहीं प्रदेश के पदाधिकारियों को चुनते वक्त भी इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि उनमें अनुभवी और युवा, दोनों तरह के लोग हों। हालांकि प्रदेश की टीम के लिए कोई एज लिमिट तो फिक्स नहीं की गई है, लेकिन माना जा रहा है कि उसमें भी 50-55 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों को कोई अहम पद नहीं मिलेगा।

मीटिंग में केंद्रीय पर्यवेक्षकों की तरफ से एक अहम बात यह भी रखी गई कि प्रदेश संगठन में जगह बनाने के लिए दावेदारी पेश कर रहे लोग चाहे किसी भी गुट के हों, लेकिन अगर उनमें लीडरशिप क्वॉलिटी है और वे पार्टी के लक्ष्य के अनुसार काम करने में सक्षम हैं, तो फिर उन्हें मौका देने में कोई हर्ज नहीं है। इसके अलावा नए पदाधिकारियों के चयन के लिए संगठन में ऊपर से नीचे तक हर स्तर पर रायशुमारी भी कराई जाएगी।

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