जिनका अध्यापन कार्य बेहत खराब उनका रुका इंक्रीमेंट, गिर सकती है गाज

भोपाल
प्रदेश के सरकारी हाई स्कूल में पदस्थ करीब 16 हजार शिक्षकों पर एक से तीन इंक्रीमेंट बंद होने की गाज गिर सकती है। ये वे शिक्षक हैं जिनका अध्यापन कार्य बेहत खराब रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा नौवीं के करीब साढ़े नौ लाख विद्यार्थियों की बेसलाइन परीक्षा कराई थी। हिंदी, गणित और अंग्रेजी के विषयों पर कराई गई बेसलाइन परीक्षा के परिणामों से खुलासा हुआ है कि बड़ी संख्या में ऐसे विद्यार्थी सामने आये हैं जिन्हें कक्षा तीसरी की पुस्तकें ही पढ़ना नहीं आतीं। अंग्रेजी पढ़ने और लिखने वाले  महज 6 फीसदी ही विद्यार्थी हैं।

लोक शिक्षण संचालनालयय ने निर्णय लिया है कि तीन साल तक अध्यापन कार्य में पुअर परफारमेंस देने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। आयुक्त लोक शिक्षण ने सभी जिला शिक्षा अधिकारी और संयुक्त संचालक को निर्देश जारी कर दिये हैं। आयुक्त ने कहा है कि पढ़ाई का स्तर अत्यंत ही चिंताजनक है। कक्षा आठवीं में विद्यार्थियों के पठन पाठन की ओर मध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया है। ऐसे विद्यालय जहां कक्षा नौवीं के विद्यार्थी कक्षा तीन से पांचवीं कक्षा स्तर के पाये गये हैं उन विद्यार्थियों को पढ़ाने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

बेसलाइन परीक्षा के परिणामों से खुलासा हुआ है कि कक्षा तीन से पांचवीं स्तर के सबसे अधिक विद्यार्थी अशोकनगर जिले में 67 प्रतिशत पाये गये हैं। रीवा, गुना, कटनी, सिंगरौली, सीधी, विदिशा, जबलपुर, रतलाम, शहडोल, मंडला, पन्ना, आगरमालवा, भोपाल, खरगोन, ग्वालियर, शिवपुरी, सतना, नरसिंहपुर जिले में भी पढ़ाई का स्तर नीचे गिरा है।

रिपोर्ट के अनुसार पढ़ाई में पुअर परफारमेंस देने वाले कुल 6427 स्कूल चिंहित किये गये हैं। एक स्कूल में औसतन दो से तीन शिक्षक भी कार्रवाई की जद में लाये गये तो संख्या 16 हजार से अधिक शिक्षकों पर इंक्रीमेंट बंद होने की गाज गिर सकती है।

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