जालियांवाला बाग त्रासदी भारत में ब्रिटिशकालीन इतिहास के लिए शर्मनाक धब्बाः PM टरीजा मे
लंदन
जालियांवाला बाग हत्याकांड के 100 साल बाद ब्रिटेन ने अफसोस जाहिर किया है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री टरीजा मे ने इसे तत्कालीन ब्रिटिश शासन के लिए शर्मनाक धब्बा करार दिया। हालांकि उन्होंने कोई माफी नहीं मांगी है। टरीजा का यह बयान ऐसे समय में आया है जब 13 अप्रैल को जालियांवाला बाग हत्याकांड को 100 साल पूरे होने वाले हैं।
टरीजा ने बयान जारी कर इस हत्याकांड पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा, 'जो हुआ और जो त्रासदी झेलनी पड़ी उसपर हमें अफसोस है।' उन्होंने आगे कहा, '1919 की जालियांवाला बाग त्रासदी ब्रिटिश-भारतीय इतिहास के लिए शर्मनाक धब्बा है। जैसा कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने 1997 में जालियांवाला बाग जाने से पहले कहा था कि यह भारत के साथ हमारे बीते हुए इतिहास का दुखद उदाहरण है।'
ब्रिटेन में विपक्ष ने कहा- माफी मांगिए
उधर, मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी ने टरीजा मे से मांग की है कि वह भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान हुई इस घटना के लिए माफी मांगें। लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने कहा कि सरकार को इस संबंध में पूर्ण और स्पष्ट माफी मांगनी चाहिए। आपको बता दें कि इससे पहले 2013 में तत्कालीन पीएम डेविड कैमरन ने भारत दौरे पर इस त्रासदी को 'बेहद शर्मनाक' करार दिया था। हालाकि उन्होंने भी टरीजा की तरह घटना पर माफी नहीं मांगी थी।