जाम नदी में आयोजित पारंपरिक गोटमार मेला में 400 से अधिक लोग घायल

छिंदवाड़ा
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की सीमावर्ती तहसील पांढुर्णा की जाम नदी में आयोजित पारंपरिक गोटमार मेला में आज शाम 400 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं, जिसमें दो गंभीर घायलो को नागपुर भेजा गया है।

इस खुनी खेल में प्रशासन के अनुसार कुल 455 लोग घासल हुए लेकीन वास्तविक आकड़ा इससे कही अधिक हो सकता है। सूत्रोंं की माने तो जख्मी लोगों का आकड़ा 600 के उपर बताया जा रहा है।  परंपरा, श्रध्दा व प्रेम के नाम पर फीर से पत्थर बरसे। शुरुआती समय में जहां सावरगांव पक्ष पांएफर्ना पर हावी रहा तो दोपहर की बारिश के बाद पांढुर्णा पक्ष ने जो बढ़त बनाई तो शाम 5:30 मिनट पर लगभग 6 साल के बाद झंडा तोडने में सफलता पाई। जिला प्रशासन के आला अधिकारी इस दौरान नगर मुख्यालय में बने रहें। पहली बार ड्रोन कैमरा व वॉच टावर की मदद से गोटमार स्थल की निगरानी हुई। कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा व एसपी मनोजकुमार राय स्वयं इस दौरान मौजुद रहें। आखिरकार शाम 5:30 बजे पांढुर्ना पक्ष ने झंडे को तोडकर ढोल नगाडो के साथ गुुजरी स्थित चंडीमाता मंदीर में अर्पण किया।

वर्ष 2009 में मानवाधिकार आयोग के दखल के बाद जिला प्रशासन ने पांर्ढुना- सावरगांव के बीच होने वाले गोटमार मेले में पत्थर फेंकने पर रोक लगाने अनेकों प्रयास किए, लेकिन आज तक मेले का स्वरूप नही बदल सके। क्षेत्र में इस बार जिला प्रशासन ने गुरुवार की दोपहर से धारा 144 लागू कर दी। आस्था से जुड़ा होने के कारण इसे रोक पाने में असमर्थ प्रशासन व पुलिस एक दूसरे का खून बहाते लोगों को असहाय देखते रहने के अलावा और कुछ नहीं कर पाते।

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