जांजगरीर में मौसम की बेरुखी से किसानों में मायूसी, मजबूरी में करेंगे ये काम

जांजगीर चांपा
छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा में खण्ड वर्षा ने किसानों की चिन्ता बढ़ा दी है. जिले में हो रही है खण्ड वर्षा ने किसानों के हरेली त्यौहार की खुशी फीकी कर दी है. बारिश की कमी के चलते फसलों को हो रहे नु​कसान के कारण किसानों में मायूसी छाई है. किसानों का कहना है कि यदि खेती के लायक बारिश नहीं हुई तो उनके सामने पलायन की मजबूरी हो जाएगी.

राज्य सरकार ने किसानों के लिए छत्तीसगढ़ के लोक त्यौहार के रूप में हरेली पर शासकीय अवकाश घोषित किया है. हरेली की खुशियां मनाने के बजाय जांजगीर चांपा जिले के किसान मायूस नजर आ रहे हैं, जिले के किसानों की यह पीड़ा है कि इस जिले में खेती किसानी के लायक बारिश नहीं हो रही है, जो बारिश हो रही है उससे जमीन की प्यास ही नहीं बुझ रहा है. जिले में खंड वर्षा हो रही है. कहीं बहुत अधिक बारिश हो रही है तो कहीं पर बिल्कुल भी बारिश नहीं हो रही है.

जांजगीर के लक्ष्णपुर के किसान राम भरोश केंवट का कहना है कि हरेली में जहां किसान अपनी खेती किसानी के काम पूर्ण करके खुशियां मनाते हैं. वहीं इस बार मौसम की बेरुखी की वजह से किसानों कि स्थिति यह है कि उनके खेत में जुताई तक नहीं हुई है. किसान मंगतूराम का कहना है कि हमें चिंता सता रही है कि इस बार उनकी खेती पिछड़ गई है और फसल पर पैदावार कम मिलेगी. अकाल जैसी स्थिति निर्मित है.

जांजगीर में कृषि विभाग के उपसंचालक एमआर तिग्गा का कहना है कि पैदावार में किसी प्रकार की कमी नहीं होगी. इस समय भी धान बोया जा सकता है. पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष ज्यादा रकबे में धान बोया गया है. किसी प्रकार की कोई नुकसान अभी तक किसानों को नहीं हुआ है. क्षति का आकलन शासन के निर्देशानुसार शुरू कर दिया गया है. कृषि विभाग के मैदानी अमला के माध्यम से जिले में सर्वे कराया जा रहा है, जंहा भी नुकसान और क्षति हुई होगी तो नियमानुसार मुआवजा और क्षतिपूर्ति की राशि दी जाएगी.

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