जली हुई ब्रेड को न करें नजरअंदाज, कैंसर का है खतरा

सुबह नाश्ते में ज्यादातर लोग ब्रेड खाना पसंद करते हैं। ब्रेड-बटर या टोस्ट और चाय बहुत से लोगों का फेवरिट नाश्ता होता है। लेकिन कई बार नाश्ता तैयार करते वक्त टोस्टर में रखी ब्रेड जल जाती है। लोग आमतौर पर इसे नजरअंदाज कर जली हुई ब्रेड भी खा लेते हैं। लेकिन ऐसा करने से कैंसर जैसी गंभीर और जानलेवा बीमारी होने का खतरा रहता है।

कैंसर का है खतरा
दरअसल एक रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमें स्टार्च की मात्रा अधिक होती है, उन्हें अगर उच्च तापमान पर पकाया जाता है, तो उनमें से एक्रिलामाइड नाम का केमिकल रिलीज होता है। यह वही केमिकल है जो हमारे शरीर में कैंसर के रिस्क को बढ़ाता है।

स्टार्च वाले फूड में अमीनो ऐसिड
एक डच स्टडी के मुताबिक आलू और ब्रेड जैसे स्टार्चयुक्त पदार्थों में अमीनो एसिड होता है, जिसे एस्पेरेगिन कहा जाता है। ऐसे में जब स्टार्च वाले पदार्थों को हाई टेंपरेचर पर गर्म किया जाता है तो इन स्टार्च वाले फूड आइटम्स में मौजूद एस्पेरेगिन के साथ मिलकर एक्रिलामाइड केमिकल भी रिलीज होने लगता है जिससे इन चीजों का सेवन खतरनाक हो सकता है।

तंत्रिकाओं को भी नुकसान
इस तरह का खाना खाने के बाद यह केमिकल डीएनए में प्रवेश कर जाता है, जो कोशिकाओं को बदल देता है। यह कैंसर का कारण बन सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार एक्रिलामाइड शरीर में एक न्यूरोटॉक्सिन के रूप में भी कार्य कर सकता है। न्यूरोटॉक्सिन एक तरह का जहर होता है, जो तंत्रिकाओं को खत्म कर देता है।

कम समय के लिए पकाएं
विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO के अनुसार एक्रिलामाइड के हानिकारक प्रभावों की चर्चा अभी अधूरी है, लेकिन ऑर्गनाइजेशन का कहना है कि कैंसर के जोखिम से बचने के लिए स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थों को कम समय के लिए पकाना चाहिए। साथ ही किसी भी खाद्य पदार्थ को बहुत ज्यादा देर तक या बहुत हाई टेंपरेचर पर बिलकुल नहीं पकाना चाहिए।

क्या है उपाय?
आलू और ब्रेड जैसे स्टार्च वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कम करना चाहिए। अगर ऐसा संभव नहीं हो पाता, तो एक्रिलामाइड का जोखिम कम करने के लिए इन चीजों को कम समय के लिए पकाना चाहिए। आप गहरे भूरे या काले रंग के बजाय हल्के भूरे रंग होने तक ही ब्रेड को पका सकते हैं।

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