जम्मू-कश्मीर में सब पटरी पर आने लगा सेब के 700 ट्रक घाटी से रवाना

श्रीनगर
    एक महीने के बाद जम्मू एवं कश्मीर में व्यापारिक गतिविधियां फिर से शुरूभारतीय सेना की निगरानी में सेब से भरे 700 ट्रक घाटी से हुए रवाना

जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को खत्म हुए पूरा एक महीना गुजर गया. 5 अगस्त को जब संसद ने इसकी घोषणा की थी तो तरह-तरह के सवाल हवा में थे, आशंकाएं थीं. लेकिन एक महीने में ही जम्मू-कश्मीर से विश्वास की नई आहट सुनाई देने लगी है.

अविश्वास और आशंकाओं के सारे बादल छंटने लगे हैं. दफ्तर, स्कूल और बाजार खुल चुके हैं. कारोबार भी धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगी है. जम्मू-कश्मीर से उत्तर भारत के थोक बाजारों में सामान्य व्यापारिक गतिविधियों को शुरू करते हुए गुरुवार को घाटी से सेब के 700 से अधिक ट्रक रवाना हुए.

घाटी में अब हालात सामान्य
दरअसल 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 को रद्द करने के बाद जम्मू एवं कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस ले लिया गया था और शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रतिबंध लागू कर दिए गए थे. एक महीने के बाद जम्मू एवं कश्मीर में अंतरराज्यीय व्यापारिक गतिविधियां धीरे-धीरे फिर से शुरू हो रही हैं और अब चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंधों को उठाए जा रहा है.

घाटी में अब सेब के सीजन की शुरुआत हो चुकी है. सुरक्षा एजेंसियों ने धीरे-धीरे फल के अंतर-राज्य व्यापार पर प्रतिबंधों को हटाना शुरू कर दिया है. सेना के अधिकारी ने कहा, 'जम्मू एवं कश्मीर से आगे मैदानी इलाकों के लिए बुधवार को सेब से लदे करीब 300 ट्रक शोपियां जिले से रवाना हुए.'

सोपोर से 400 ट्रक रवाना
उन्होंने कहा, 'सोपोर बाजार से 400 से अधिक ट्रक गुरुवार को रवाना हुए और अब वे जम्मू एवं कश्मीर की सीमा पार कर गए हैं, यहां से वह अन्य राज्यों में जाएंगे.' भारतीय सेना के अधिकारियों ने बताया कि आने वाले कुछ दिनों में घाटी से सेब बाहर भेजे जाने के लिए हजारों की संख्या में ट्रक लाइन लगाए खड़े हैं.

गौरतलब है कि जम्मू एंव कश्मीर की अर्थव्यवस्था में सेबों की खेती का अहम योगदान रहता है. यह राज्य के लिए प्रति वर्ष एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित करता है.

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