जम्मू-कश्मीर में अफगानी आतंकियों की घुसपैठ कराने की फिराक में पाकिस्तान

नई दिल्ली
पाकिस्तान की ओर से जम्मू और कश्मीर समेत भारत में अफगानी आतंकवादियों की घुसपैठ कराई जा सकती है. जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पाकिस्तान इस हथकंडे पर उतर सकता है. पाकिस्तान 1990 के दशक में भारतीय सुरक्षा बलों पर हमले के लिए ये पैंतरा अपनाता था.

पाकिस्तान का मंसूबा आतंकी हमलों के जरिए दहशत फैलाना है. ताजा खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे सैकड़ों आतंकवादी पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी शिविरों में इंतजार कर रहे हैं.

खुफिया जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान की ओर से अफगान आतंकियों को ट्रेनिंग देने का मकसद पहले उनकी जम्मू और कश्मीर में घुसपैठ कराना है. फिर यही आतंकी राजधानी दिल्ली में हमले के अलावा सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की कोशिश कर सकते हैं. यही नहीं पाक आतंकी संगठन स्कूलों, सरकारी इमारतों पर हमले के साथ सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की फिराक में हैं.

1990 के दशक में पाकिस्तान की ओर से अफगान आतंकियों को भारतीय सुरक्षा बलों पर हमले के लिए भेजा जाता था. ऐसे भी इनपुट्स हैं कि आतंकी कश्मीरी राजनेताओं को भी निशाना बना सकते हैं. रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की जमीन से भारत के खिलाफ गतिविधियां चलाने वाला आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद भी जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए बड़ी घुसपैठ की तैयारी कर रहा है.

इंटेलीजेंस रिपोर्ट में बताया गया है कि 19 अगस्त को पाकिस्तान के बहावलपुर में स्थित मरकज उसामा-ओ-अली में जैश-ए-मोहम्मद की एक बैठक हुई. इसमें संगठन के सरगना मसूद अजहर का भाई रऊफ असगर भी मौजूद था. रऊफ जैश के हथियारबद्ध दस्ते का कमांडर है.

इंटेलीजेंस इनपुट्स के मुताबिक कश्मीर की शांति भंग करने के लिए आतंकी हमले किए जा सकते हैं. पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जम्मू और कश्मीर पुलिस के जवानों को निशाना बनाने के साथ स्कूलों और सरकारी इमारतों पर भी हमले कर सकते हैं.

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