जम्मू-कश्मीर पहुंचे कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को श्रीनगर एयरपोर्ट से वापस लौटाया गया

श्रीनगर
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने और राज्य को केंद्र शासित प्रदेश करने के केंद्र सरकार के फैसले का विरोध कर रहे कांग्रेस के सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद गुरुवार सुबह जम्मू-कश्मीर पहुंचे। माना जा रहा था कि आजाद राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि, उन्हें श्रीनगर एयरपोर्ट पर ही रोक दिया गया और बाद में वहीं से वापस लौटा दिया गया। इस बीच श्रीनगर के डीसी शाहिद चौधरी ने कहा कि उनके कार्यालय में दो हेल्‍पलाइन नंबर 9419028242, 9419028251 शुरू किया गए हैं। स्‍थानीय लोग या बाहर के छात्र इन नंबरों से संपर्क कर सकते हैं।

एयरपोर्ट पर रोका गया
आजाद के साथ जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर भी मौजूद थे। दोनों नेताओं को श्रीनगर एयरपोर्ट पर रोक लिया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक आशंका जताई गई है कि सरकार के विरोध में विपक्ष के नेता राज्य में विरोध प्रदर्शनों के लिए लोगों को उकसा सकते हैं। इसे देखते हुए उन्हें आगे जाने की इजाजत नहीं दी गई और अगली ही फ्लाइट से वापस भेज दिया गया।

विवादस्पद बयान
बता दें कि आजाद ने केंद्र सरकार के इस दावे का खंडन किया है कि राज्य में हालात शांत हैं। यहां तक कि इस मुद्दे पर आजाद ने एक विवादस्पद बयान भी दे दिया है। दरअसल, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने बुधवार को शोपियां में आम लोगों से मुलाकात की थी। इस पर आजाद ने 'पैसे देकर लोगों को साथ लेने' का आरोप लगा दिया।

पीएम कर सकते हैं राष्ट्र को संबोधित
आशंका जाहिर की गई थी कि राज्य में स्थिति और बिगड़ सकती है। अलगाववादी लोगों को भड़का सकते हैं। करगिल और शोपियां में कुछ जगहों पर विरोध प्रदर्शन की खबरें थीं। हालांकि, बाकी सूबे में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। गुरुवार सुबह यहां दुकानें भी खुलीं। बाजार गुलजार दिखे। जम्मू में लोग फल, सब्जियों सहित जरूरी सामान खरीदते दिखे। उधर, पीएम नरेंद्र मोदी 370 के मुद्दे पर आज देश को संबोधित कर सकते हैं।

महाराजा हरि सिंह के बेटे ने किया फैसले का स्वागत
कांग्रेस नेता और महाराजा हरि सिंह के बेटे कर्ण सिंह ने आर्टिकल 370 हटाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि लदाख को केंद्र शासित प्रदेश करने के फैसले का स्वागत है। उन्होंने कहा है, 'आर्टिकल 35A में लिंगभेद के मुद्दे को सुलझाना है। मेरी एक ही चिंता है, जम्मू-कश्मीर के सभी तबकों और इलाकों का कल्याण करना।'

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