जब बेहद बीमार मनोहर पर्रिकर ने पूछा था- हाऊज द जोश

नई दिल्ली
कैंसर का नाम सुनकर ही लोगों के होश उड़ जाते हैं, लेकिन मनोहर पर्रिकर का जीवट ही था कि बीमारी से बुरी तरह जूझते हुए भी उनका जोश हाई था। बोलने तक में परेशानी थी, लेकिन उनका स्वर बुलंद रहा। कुछ दिन पहले ही एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने लोगों से 'हाऊज द जोश' पूछा तो हर कोई बोल पड़ा, हाई सर। उन्होंने कहा कि मैं अपना जोश आप लोगों में ट्रांसफर करता हूं। यही उनका जीवट था कि मृत्यु को निकट जान कर भी वह राष्ट्र के प्रति समर्पित रहे। आज उनके इस विडियो को शेयर करते हुए ही लोग उन्हें याद कर रहे हैं। उरी में आतंकवादी हमला हुआ तो देश भर में गुस्सा था, लेकिन मनोहर पर्रिकर चुपचाप एक मिशन में जुटे हुए थे, वह था सर्जिकल स्ट्राइक। स्कूटर वाले सीएम के तौर पर मशहूर रहे पर्रिकर ने इसके लिए भी कोई क्रेडिट नहीं लिया बल्कि इसे संघ की शिक्षा का परिणाम बताया। यही मनोहर पर्रिकर की देशभक्ति थी कि वह कभी प्रचार में नहीं उलझे बल्कि अपने जीवन से उदाहरण पेश करते रहे। 

पहली बार सन 2000 में गोवा के सीएम बनने से कुछ दिनों पहले ही उनकी पत्नी मेधा पर्रिकर का भी कैंसर से ही निधन हो गया था। पत्नी को कैंसर से खोने के बाद भी वह अपने सामाजिक जीवन में डटे रहे। दुर्भाग्य से जिस कैंसर ने उनकी पत्नी को हमेशा के लिए उनसे छीन लिया था, उसने उन्हें दबा लिया, लेकिन मनोहर पर्रिकर की हस्ती थी कि वह हंसते-हंसते डटे रहे। सिद्धांतों और सादगी पर बातें करना आसान होता है, लेकिन उन्होंने जीकर दिखाया। 

गोवा में उनके समर्थक नहीं, चाहने वाले थे
नेताओं के समर्थक होते हैं, लेकिन गोवा के 4 बार सीएम रहे मनोहर पर्रिकर के चाहने वालों की कमी नहीं थी। नेताओं से लेकर आम जनता तक उन्हें प्यार करती थी। लोगों संग कहीं भी खड़े होकर चाय पीना, स्कूटर पर घूमना, बेहद सादे कपड़े पहनाना और तामझाम से परे रहना, उनका यह अंदाज लोगों को बहुत लुभाता था। 

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