जनता के काम में लापरवाही पर होगी कड़ी कार्रवाई : मुख्यमंत्री कमल नाथ

भोपाल
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने खाद वितरण, धान खरीदी और सड़क मरम्मत कार्य को प्राथमिकता से करने साथ ही वन अधिकार पट्टों के सभी प्रकरणों का निराकरण इस माह के अंत तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आम जनता की शिकायतों को बगैर निराकरण किये बंद करने के मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता की समस्याओं के समाधान की जवाबदेही निचले स्तर पर नहीं बल्कि उच्च स्तर पर तय की जाए। कमल नाथ आज मंत्रालय में जन-अधिकार कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिलों के कलेक्टर और शिकायतकर्ताओं से संवाद कर रहे थे।

खाद वितरण में कोताही न हो

मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों से कहा कि खाद वितरण के काम को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। खाद की पर्याप्त उपलब्धता का ध्यान रखें और कालाबाजारी न हो, यह सुनिश्चित करें। निजी खाद विक्रेताओं द्वारा किसानों को महंगी दर पर खाद विक्रय न हो, इसकी भी निगरानी की जाए। उन्होनें कहा कि मिलावटी खाद बाजार में नहीं बिकना चाहिए। यह सुनिश्चित करें कि खाद को लेकर कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न न हो।

समय पर हो धान की खरीदी और भुगतान

मुख्यमंत्री ने कहा कि धान की खरीदी के लिए सभी इंतजाम पुख्ता रखे जाएं। समय पर सही तरीके से धान की खरीदी प्रक्रिया शुरू करें। उन्होंने पर्याप्त मात्रा में बारदानों की उपलब्धता बनाए रखने और किसानों को उनकी उपज का भुगतान भी समय पर करने को कहा।

ऐसी सड़कों की सूची भेजें, जिससे लोग परेशान हो रहे हैं

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में सड़कों की मरम्मत का कार्य व्यापक पैमाने में किया जा रहा है। उन्होंने कलेक्टरों से कहा कि सड़कें गुणवत्तापूर्ण बनें, इस पर निगाह रखें। उन्होंने कहा कि ऐसी सड़कों की सूची भी तैयार की जाए, जहाँ मरम्मत का कार्य शुरू नहीं हुआ है और उनके न बनने से जनता को परेशानी हो रही है।

इसी माह वन अधिकार प्रकरणों का निराकरण पूरा करें

वन अधिकार पट्टों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी पात्र लोगों को पट्टे मिलें यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि गरीब आदिवासियों से जुड़े इस मुद्दे पर किसी भी तरह की लापरवाही सहन नहीं की जाएगी।

सिर्फ शिकायतें एकत्र न करें, उनका समाधान भी करें

मुख्यमंत्री ने आपकी सरकार – आपके द्वार कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से चलाया जाए। उन्होंने कहा कि कई जगहों से गंभीरता से यह कार्यक्रम न चलने की शिकायतें मिल रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपकी सरकार – आपके द्वार कार्यक्रम का लक्ष्य जनता की समस्याओं का मौके पर निराकरण करना है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ शिकायत एकत्र करने वाला नहीं बल्कि लोगों की समस्याओं का समाधान करने वाला कार्यक्रम है। इस मानसिकता के साथ सभी मैदानी अधिकारियों को काम करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को ग्राम युवा शक्ति समिति का गठन और किसान बंधु की नियुक्ति शीघ्र करने के निर्देश दिए।

निराकरण के बगैर शिकायत बंद करने की संस्कृति बर्दाश्त नहीं

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने शिकायतों के निराकरण के बगैर उन्हें नस्तीबद्ध करने की प्रवृत्ति को गंभीरता से लेते हुए कहा कि यह संस्कृति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कमल नाथ ने सागर के रामबाबू एवं गुना के विवेक अहिरवार को छात्रवृत्ति न मिलने, देवास के दिनेश नागर को वृक्षारोपण की राशि न मिलने तथा रीवा की श्रीमती शुभद्रा विश्वकर्मा के प्रकरण को नस्तीबद्ध करने और संतुष्‍ट होने की रिपोर्ट देने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि शिकायतों को तब तक निराकृत नहीं माना जाएगा, जब तक उसका समाधान न हो जाए और शिकायतकर्ता संतुष्ट न हो।

शिकायत को झूठी बताने पर जनपद सीईओ निलंबित

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने बड़वानी जिले के पाटी जनपद के सीईओ को शिकायतकर्ता श्याम राठौर की शिकायत को झूठी बताने की रिपोर्ट देने पर तत्काल निलंबित करने के निर्देश दिए। इस प्रकरण में रोजगार सहायक की सेवा समाप्त की गई है और पंचायत सचिव एवं सहायक इंजीनियर को निलंबित किया गया है। श्याम राठौर ने वर्ष 2018 में ग्राम पंचायत पाटी में चल रहे निर्माण कार्यों और कपिलधारा कुँआ योजना में हो रही अनियमितताओं की शिकायत की थी।

‍ बिल्डर के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज करने के निर्देश

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने भोपाल के वार्ड क्र. 48 के शिकायतकर्ता रविन्द्र कुमार यादव के प्रकरण में बिल्डर के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए। यादव ने भोपाल के मेसर्स भारती बिल्डर्स से फ्लैट खरीदा था, जिसका पजेशन उसे नहीं दिया गया। इसकी शिकायत उसने रियल एस्टेट रेग्यूलेटरी अथॉरिटी (रेरा) में की थी। रेरा ने आवेदक के पक्ष में फैसला सुनाया और भोपाल कलेक्टर को पूरी राशि दिलाने के निर्देश दिए। जिला प्रशासन द्वारा की गई कार्यवाही के फलस्वरूप दो चैक क्रमश: 1 लाख 50 हजार और 1 लाख 57 हजार के दिए गए, जो बाउंस हो गए। मुख्यमंत्री ने आवेदक को उसकी पूरी राशि दिलाने और बिल्डर के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए। इंदौर के संजय उपाध्याय द्वारा भूमि संबंधी की गई शिकायत के प्रकरण में मुख्यमंत्री ने आयुक्त इंदौर संभाग को 15 दिन में प्रकरण का निराकरण करने को कहा है।

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