छेड़खानी की शिकार महिलाओं और बच्चों के लिए थाने में बनाया पिंक रूम

बालोद
छत्तीसगढ़ के बालोद में जिला मुख्यालय स्थित थाने में पुलिसवालों ने एक अनूठी व्यवस्था शुरू की है. संभव है आने वाले समय में प्रदेश के अन्य थानों के लिए भी मॉडल साबित हो. दरअसल इस थाने में दुष्कर्म और छेड़खानी की शिकार महिलाओं और बच्चों के लिए महिला डेस्क और चाइल्ड फ्रेंडली रूम बनाया गया है. इसे पिंक रूम का नाम दिया गया है.

सजाया गया है पिंक रूम

बालोद जिला मुख्यालय स्थित थाने के ही एक कमरे को पॉक्सो एक्ट के तहत पिंक बूथ की तर्ज पर घर जैसा सजाया गया है. यहां बच्चों के लिए खेलने सहित मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध कराए गए हैं. और ऐसे मामलों की पीड़ित महिला व बच्चों से पुलिस उनसे इसी कमरे में सिविल ड्रेस में पूछताछ करेगी जिससे उनकी निजता भी भंग न हो और बिना झिझक के वे बता सकें. कभी-कभी कई ऐसे मामले आते हैं जिसमें बच्चे काफी डरे हुए रहते हैं. जिसमे पुलिस को सच्चाई जानने में भी काफी दिक्कते आती है.

पिंक रूम में मनोरंज के साधन

ऐसे मामलों के लिए इस कमरे में बच्चो के लिए मनोरंजन के साधन भी रखे गए हैं. इसका कारण ये बताया जा रहा है कि बच्चे जब डरे सहमे रहते हैं तो उन्हें खेल-खेल के दौरान नार्मल कर उनसे घटनाओं को आसानी से समझा जा सकता है. अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने में भी आसानी होती है. बालोद पुलिस अधीक्षक ने भी इस पहल को कारगर बताया है. पुलिस अधीक्षक एम.एल. कोटवानी बालोद जिले से शुरू हुआ पिंक बूथ निश्चित ही बालोद पुलिस की एक अच्छी पहल है. इससे फ्रेंडली माहौल में बच्चे बेखौफ होकर अपनी पीड़ा बता सकते हैं.

हालांकि पुलिस अधिकारी तो इस व्यवस्था को सराह रहे हैं लेकिन देखना होगा इस पहल के बाद क्या बाल यौन शोषण या महिला छेड़खानी जैसे अपराधों से जुड़े अपराधियों पर पुलिस कितना नकेल कस सकती है?

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