छात्रा को खड़े होकर परीक्षा देने की सजा, मुख्यमंत्री ने दिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश

भोपाल
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के शाहजहांनाबाद स्थित सरस्वती को एड हायर सेकेंडरी स्कूल में बुधवार को एक नवीं कक्षा की छात्रा को फीस नहीं भरने के कारण खड़े होकर परीक्षा देने की सजी दी। मामला मीडिया में आने के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस पर संज्ञान लिया है। उन्होंने स्कूल प्रबंधन की इस हरकत को असंवेदनशील बताया और अधिकारियों को पूे मामले की जांच के लिए कहा है। 

दरअसल, स्कूलों में सालाना परीक्षआएं आयोजित की जा रही हैं। शुक्रवार को शहर के सरस्वती स्कूल में एक नवीं कक्षा की छात्रा को सिर्फ इसलिए खड़ो होकर परीक्षा देने की सजा दी गई क्योंकि उसकी फीस का भुगतान समय पर नहीं हो सका। पीड़ित छात्रा से चर्चा कर इस पूरे मामले की जांच करने के निर्देश दिए। फीस नहीं भर पाने के कारण छात्रा को खड़े रहकर परीक्षा देने की सजा का मामला सही पाए जाने पर उन्होने दोषी स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि शासन के सभी अशासकीय शिक्षण संस्थाओं को पूर्व से ही निर्देश है कि किसी भी बच्चे को फीस न भर पाने के कारण ना स्कूल आने से रोका जाये , ना उसे किसी प्रकार की मानसिक प्रताड़ना दी जाये और ना ही उसे परीक्षा से वंचित किया जावे। इस संबंध में स्कूल प्रबंधन को चर्चा के लिए भी पृथक से बच्चों के माता-पिता से चर्चा का नियम है।यदि यह मामला सही पाया जाता है तो स्कूल प्रबंधन ने नियमों का उल्लंघन तो किया ही है। साथ ही छात्रा की भावनाओं से खिलवाड़ कर उसे मानसिक प्रताड़ना भी दी है।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि दोषी पाए जाने पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कडी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि बच्चे अपने भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए वर्षभर पढ़ाई करते हैं और उन्हें परीक्षा का इंतजार रहता है। कड़ी परिश्रम और लगन से परीक्षा को लेकर तैयारियां करते हैं। ऐसे में उनको परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की मानसिक प्रताड़ना मानवीय मूल्यों के भी खिलाफ है व नियमों के विरुद्ध है। 

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