छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष बने डॉ चरणदास महंत

रायपुर
 छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रकिया पूरी हुई। सिर्फ एक विधायक डॉ चरणदास महंत ने नामांकन दाखिल किया था। इसी के साथ उन्हें निर्विरोध इस पद पर चुन लिया गया।

सक्ती विधानसभा सीट से विधायक डॉ चरणदास महंत ने शुक्रवार को पांच सेट में अपना नामांकन दाखिल किया था। उनके अलावा और किसी भी दावेदार ने नामांकन दाखिल नहीं किया था। कांग्रेस की ओर से भूपेश बघेल, रविन्द्र चौबे, शिव डहरिया ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा और ताम्रध्वज साहू, प्रेमसाय सिंह और कवासी लखमा उनके समर्थक बने। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ की ओर से विधायक धर्मजीत सिंह ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा और रेणु जोगी ने समर्थन किया। भाजपा की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा था। शनिवार को विधानसभा के पहले सत्र की पहली बैठक के पहले दिन उन्हें निर्विरोध रूप से अध्यक्ष चुना गया और उन्होंने विधानसभा में अपनी आसंदी ग्रहण की।

डॉ महंत के इस पद पर निर्वाचन के बाद जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेता और विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि उनके व्यक्तित्व से हम सभी परीचित हैं। वे सबको साथ लेकर चलने वाले नेता हैं। वैसे भी सदन में आसंदी पर बैठने वाले अध्यक्ष किसी पार्टी के नेता नहीं होते। हमें भरोसा है कि डॉ महंत के इस पद पर होने से सदन की कार्रवाई बिना बाधा के चल सकेगी। इससे हम जनहित के मुद्दों को सदन में मजबूती के साथ उठा सकेंगे।

डॉ महंत अपनी सौम्य छवि और सबको साथ लेकर चलने वाले व्यक्तित्व के लिए जाने जाते हैं। डॉ महंत कांग्रेस के एक अनुभवी नेता हैं और उनका राजनीतिक करियर भी काफी पुराना है। वे 1980 से 90 के बीच दो बार विधायक रहे। 1993 से 98 के बीच मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री रहे। वर्ष 1998 में वे 12वीं लोकसभा के लिए चुने गए। डॉ महंत वर्ष 2006 से 2008 के बीच प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। 2009 में वे पंद्रहवीं लोकसभा के लिए चुने गए थे। डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में वे खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री रहे। साल 2014 में वे कोरबा सीट से चुनाव हार गए थे। अभी वे चांपा-जांजगीर जिले की सक्ती विधानसभा सीट से विधायक हैं।

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