छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या 46 से घटकर 19 रह गई

रायपुर
 छत्तीसगढ़ में बाघों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। देश में जहां बाघों की संख्या में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, वहीं छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या में 60 प्रतिशत की कमी आई है।

वर्ष 2014 में हुई बाघों की गणना में प्रदेश के अभयारण्यों में कुल 46 बाघों की संख्या दर्ज की गई थी। वहीं इस वर्ष हुई गणना में बाघों की संख्या घटकर 19 रह गई है।

वन विभाग के अधिकारियों का दावा था कि इस वर्ष की गणना में भी बाघों की संख्या में इजाफा होगा, लेकिन एनटीसीए से जारी आंकड़ों ने वन विभाग के अधिकारियों की पोल खोलकर रख दी है। प्रदेश में बाघों की संख्या में अचानक गिरावट आने से वन विभाग में भी सन्नााटा पसर गया है। अधिकारी अब इसकी समीक्षा की बात कह रहे हैं।

उल्लेखनीय कि प्रदेश में पिछले महीनों देहरादून की संस्था ने प्रदेश में बाघों की गणना की थी, जिसमें अचानक मार्ग टाइगर रिजर्व क्षेत्र, उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व और इंद्वावती टाइगर रिजर्व इसके साथ ही गुरु घासीदास, भोरमदेव आदि में वैज्ञानिक पद्धति से तो कुछ जगहों में बाघों के मल को देखकर गणना की गई। गणना के मुताबिक बाघों की संख्या घट गई है, लेकिन एनटीसीए द्वारा जारी आंकड़े ने विभाग की आंखें खोल दी हैं।

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