‘छत्तीसगढ़ की वास्तविक ‘चिन्हारी‘ को पुनर्जीवन देने मुख्यमंत्री के बेहतर प्रयास‘

धमतरी
 ‘प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में सिर्फ सात माह में ही अनेक योजनाएं लागू हुई हैं। खास तौर पर छत्तीसगढ़ की वास्तविक चिन्हारी (पहचान) नरवा, गरूवा, घुरवा अउ बाड़ी के माध्यम से यहां की खेती-किसानी, जीवनशैली, गौवंश को पुनर्जीवन देने तथा जल संरक्षण के लिए बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं। सुराजी गांव योजना वास्तव में ग्रामीण परिवेश को नवाचार प्रदान करने में काफी हद तक सफल है।‘     उक्त बातें धमतरी के पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ नागरिक श्री हर्षद मेहता ने मुख्यमंत्री की रेडियोवार्ता का कार्यक्रम ‘लोकवाणी‘ की प्रथम कड़ी के प्रसारण के उपरांत उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी।

‘लोकवाणी‘ की पहली कड़ी के प्रसारण को जिला स्तर पर सुनने की व्यवस्था स्थानीय सदर दक्षिण वार्ड में स्थित गांधी आश्रम (कुष्ठ कॉलोनी) रानीबगीचा में जिला प्रशासन द्वारा की गई थी। श्री मेहता ने आगे कहा कि रेडियो वार्ता के माध्यम से मुख्यमंत्री श्री बघेल ने यह स्पष्ट किया कि उनकी सरकार नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी के संरक्षण के माध्यम से अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना चाहती है। साथ ही पेयजल और निस्तारी जल के अभाव को ध्यान में रखकर उसके संरक्षण और संवर्द्धन के क्षेत्र में शासन के द्वारा किए जा रहे प्रयास सराहनीय है। जिला पंचायत सदस्य श्रीमती कविता बाबर ने लोकवाणी का आगाज किए जाने पर मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश में पहली बार ठेठ छत्तीसगढ़िया की सरकार को नेतृत्व करने का अवसर मिला है, जिसने किसानों व आमजनता के दुख-दर्द को पहचाना। उनके द्वारा गांवों को समृद्ध व आत्मनिर्भर बनाने नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना प्रारम्भ की है, वह अपने आप में पर्याप्त है। इसके जरिए जल संरक्षण, बारिश के पानी का सदुपयोग करने, पशुधन को सुनिश्चित स्थान दिलाने गोठान व चारागाह विकसित करने, मवेशियों के गोबर से कम्पोस्ट खाद व वर्मी खाद तैयार करने तथा हरी सब्जियों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल सतत् प्रयास कर रहे हैं। आमजनता को इन योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है।

वरिष्ठ नागरिक श्री मोहन लालवानी ने लोकवाणी के प्रथम प्रसारण पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मौजूदा सरकार ने अल्प समय में ही जन आकांक्षाओं के अनुकूल कार्य किए हैं। ढाई हजार रूपए के समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का निर्णय, किसानों की कर्जमाफी, बिजली बिल हाफ, रिक्त पदों की पूर्ति के लिए भर्ती अभियान चलाना भूपेश सरकार के बड़े, साहसिक और अभूतपर्व कदम हैं। इनका लाभ निश्चित तौर पर प्रदेशवासियों को मिल रहा है। उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश के मुखिया स्वयं किसान परिवार से हैं, इसलिए किसानों और जमीन से जुड़े लोगों के दुःख-दर्द को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं। वरिष्ठ नागरिक श्री मदनमोहन खंडेलवाल ने लोकवाणी को अच्छी शुरूआत बताते हुए इसे शासन की योजनाओं और उनके क्रियान्वयन का आइना बताया। इसके जरिए शासन रीति-नीतियों की जानकारी मिलती है। शहरवासी श्री जयप्रकाश झा ने बताया कि नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह प्राचीन समय की कृषि पद्धति को बढ़ावा देती है। गोबर से निर्मित खाद के उपयोग से किसानों को और खेतों की मिट्टी को बड़ा फायदा मिलेगा, वहीं रासायनिक व कीटनाशक दवाओं के अंधाधुंध प्रयोग पर अंकुश लगेगा। श्री निखिलेश दीवान ने भी लोकवाणी को शासन की रणनीति को जानने का बेहतर मंच बताया।

इसी तरह श्री बसंत मार्कण्डेय ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा हरेली, तीज पर्व सहित विश्व आदिवासी दिवस, कर्मा जयंती, छठ पूजा के अवसर पर शासकीय अवकाश घोषित किए जाने की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने वास्तव में विशुद्ध छत्तीसगढ़िया होने का फर्ज निभाया। समाजसेवी श्रीमती सूर्यप्रभा चेटियार ने लोकवाणी के जरिए मुख्यमंत्री की प्रदेशवासियों से सीधा संवाद को बेहतर माध्यम बताते हुए मुख्यमंत्री के द्वारा विभिन्न योजनाओं के सफल क्रियान्वयन की सराहना की। इसके अलावा गांधी आश्रम में रहने वाली वार्डवासी श्रीमती घुरवा बाई, हीरा बाई, फिरन बाई, सीमा साहू, दीपिका, अनुसूईया बाई और तातूराम ने भी लोकवाणी सुनने के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे मुख्यमंत्री की अच्छी पहल निरूपित किया। इस अवसर पर जिला पंचायत के सी.ई.ओ. श्री विजय दयाराम के. सहित वरिष्ठ नागरिक श्री रोकड़िया सहित काफी संख्या में स्थानीय वार्डवासियों एवं अधिकारी-कर्मचारियों ने लोकवाणी का अनुश्रवण किया।

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