छत्तीसगढ़ की पांच कोयला खदानों की होगी नीलामी

रायपुर
 केंद्रीय कोयला मंत्रालय छत्तीसगढ़ की पांच कोयला खदानों की नीलामी कर रहा है। साथ ही पांच कोयला खदानों के आवंटन की प्रक्रिया शुरू की है। मंत्रालय राज्य की इन 10 खदानों के साथ अन्य राज्यों की 32 समेत कुल 42 कोयला खदानों की नीलामी और आवंटन करने की तैयारी में है। इनमें सबसे ज्यादा झारखंड के हैं। मंत्रालय ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो सितंबर तक चलेगी।

छत्तीसगढ़ की जिन पांच कोयला खदानों के लिए बोली लगेगी उसमें सरगुजा जिले की सोनडीहा और भास्करपारा के साथ रायगढ़ जिले की गारे पालमा 4/1, शंकरपुर भटगांव- 2 विस्तार और एमपी से लगी उर्तन नार्थ शामिल हैं। इसके साथ ही दुर्गापुर-2/ तरईमार, दुर्गापुर- 2/ सरिया, स्यांग, पांचबहानी और मोरगा-3 खदानों का आवंटन किया जाएगा।

आवंटन के बाद होगी बाकी प्रक्रिया

खनिज विभाग के अफसरों के अनुसार फिलहाल सर्वे आदि के आधार पर कोल भंडारों की पहचान की गई है। वहां से संभावित उत्पादन का अंदाजा भी लगा लिया गया है। इसके अलावा अन्य कोई प्रक्रिया नहीं हुई है। नीलामी और आवंटन के बाद आवश्यकतानुसार ग्रामसभा, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति के अलावा जमीन अधिग्रहण आदि की प्रक्रिया होगी।

सालाना 70 मिलियन टन उत्पादन

कोयला मंत्रालय के अनुसार इन 42 खदानों में से 21 खदान गैर विनियमित क्षेत्र के इस्तेमाल और लोहा एवं इस्पात उद्योग के लिए 6 कोकिंग कोल खदानों की नीलामी होंगी। वहीं पांच कोल ब्लॉक बिजली, नौ कोयला विक्रय और एक लोहा एवं इस्पात उद्योग के लिए आवंटित की जाएगी। इन 42 कोयला खदानों से प्रतिवर्ष अधिकतम 70 मिलियन टन कोयले का उत्पादन होगा।

किस राज्य में कितनी खदानों की आवंटन और बोली

झारखंड की आठ खदानों की बोली लगेगी और छह का आवंटन होगा। ओडिशा में दो का आवंटन होगा, एक की नीलामी, महाराष्ट्र की एक खदान का आवंटन और नौ की नीलामी होगी। तेलंगाना की एक खदान का आवंटन होगा। बंगाल और मध्यप्रदेश की दो-दो खदानों की नीलामी होगी।

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