छत्तीसगढ़ के इस शहर में बनेगा गार्बेज कैफे, यहां प्लास्टिक लाओ और भरपेट खाना खाओ

रायपुर
देश मे दूसरा सबसे स्वच्छ शहर सरगुजा जिले का अम्बिकापुर अब छत्तीसगढ़ का पहला गार्बेज कैफे बनने जा रहा है. इस योजना को लागू करने के लिए बजट मे प्रावधान लाया गया है. जिसमें अब शहर के गरीब और घूमंतू लोगों को कचरा प्लास्टिक के बदले भोजन कराया जाएगा. इधर इस योजना को लागू कर सत्ता पक्ष अपनी पीठ थपथपा रहा है. तो दूसरी ओर विपक्ष ने इस योजना को लेकर ही सवाल खड़े कर दिए हैं.

अम्बिकापुर नगर पालिक निगम के सदन में बीते 15 जुलाई को इस पंचवर्षीय कार्यकाल का अंतिम बजट पेश किया गया. ये करीब पांच लाख रूपए घाटे का बजट था, लेकिन इस बजट में भी एक बार शहर को स्वच्छ रखने की मंशा नजर आई. क्योंकि अपने कार्यकाल के अंतिम बजट मे सत्ताधारी दल के लोगों ने अम्बिकापुर को छत्तीसगढ़ का पहला गार्बेज कैफे बनाने का प्रावधान रखा है.

इस योजना के तहत शहर सरकार मे घूम घूम कर कबाड़, पन्नी, बोतल बिनने वाले घूमंतू लोगो को प्लास्टिक के बदले भोजन खिलाने की तैयारी मे है. बजट मे दिए गए प्रावधान के मुताबिक शहर मे यहां वहां बिखरे एक किलो प्लास्टिक के बदले भर पेट भोजन और आधा किलो प्लास्टिक कैरीबैग के बदले भर पेट नाश्ता कराने की बात कही गई है. अम्बिकापुर नगर निगम के महापौर अजय तिर्की ने बताया कि इस योजना पर जल्द ही काम भी शुरू कर दिया जाएगा.

बजट मे लाए गए इस प्रावधान को लेकर सत्ता पक्ष के लोग काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं तो वहीं नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष और विपक्षी दल भाजपा के पार्षदों का अपना अलग मत है. नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष जन्मजय मिश्रा का कहना है कि गार्बेज सेंटर चलना मुश्किल है. क्योंकि पहेले से ही एसएलआरएम में इस तरह के काम चल रहे हैं, जिसकी वजह से ही नगर निगम अम्बिकापुर देश में दूसरा स्थान लाया है, लेकिन जिस योजना को चलाना था उसे सरकार ने बंद कर दिया है. जैसे गरीब तपके को दाल भात सेंटर को बंद कर दिया गया.

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