छठा चरण: विपक्ष को खोई जमीन फिर पाने की उम्मीद, BJP की नजर गढ़ के साथ-साथ नई जमीन की तलाश पर

 नई दिल्ली 
लोकसभा चुनाव के छठे चरण में मध्य प्रदेश, यूपी, बिहार और झारखंड की भी सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं, जहां बीजेपी ने 2014 में विपक्ष को पूरी तरह धराशायी कर दिया था। इस बार जहां यूपी में एसपी-बीएसपी गठबंधन बीजेपी को तगड़ी चुनौती दे रहा है, वहीं कांग्रेस हरियाणा और मध्य प्रदेश में शानदार प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है। बंगाल में टीएमसी को बीजेपी से कड़ी चुनौती मिल रही है जहां उसकी जमीन नई जमीन तलाशने पर है।  
 
पश्चिम बंगाल में बीजेपी की नजर अपनी सीटों को उल्लेखनीय ढंग से बढ़ाने पर है। पार्टी बंगाल से उन राज्यों में होने वाले संभावित नुकसान की भरपाई करना चाह रही है, जहां पिछली बार उसने तकरीबन सभी सीटों पर कब्जा जमाया था या फिर अभूतपूर्व प्रदर्शन किया था। 

'दिल्ली-7' में कांग्रेस, 'आप' पर भारी BJP?
छठे चरण में जिन 59 सीटों पर वोटिंग हो रही है, उनमें से 46 सीटों पर बीजेपी या उसके सहयोगियों ने 2014 में जीत हासिल की थी। पिछले चुनाव में उसने उस शिखर को छुआ था, जिसकी कोई भी पार्टी सपना ही देख सकती है। बीजेपी ने यूपी की 14 में से 13 सीटों, हरियाणा की 10 में से 7 सीटों, एमपी की 8 में से 7, बिहार की सभी 8, दिल्ली की सभी 7 और झारखंड की भी सभी 4 सीटों पर कब्जा जमाया था। 

इस बार बीजेपी जहां हरियाणा और बिहार में मजबूत स्थिति में दिख रही है। वहीं, दिल्ली में विपक्ष के बंटे होने का सीधे-सीधे बीजेपी को फायदा मिलता दिख रहा है। यूपी में हालांकि, अब लड़ाई पूर्वांचल में पहुंच चुका है जहां एसपी-बीएसपी गठबंधन का सामाजिक अंकगणित बीजेपी के लिए राह कठिन कर रहा है। 

छठे चरण में दिग्गजों का दंगल, ये हैं हॉट सीटें 

हरियाणा में बीजेपी की उम्मीदें 'जाट बनाम नॉन जाट' के ध्रुवीकरण पर टिकी हैं। 2016 में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा से सूबे में यह ध्रुवीकरण मुमकिन है। बड़े और प्रभावशाली जाट समुदाय का वोट कांग्रेस, आईएनएलडी और जेजेपी में बंट सकता है। अगर ऐसा हुआ तो यह बात बीजेपी के पक्ष में जा सकती है। 
 
यूपी में 'छठी बाज़ी' किसके हाथ?
दिल्ली में बीजेपी के सामने सभी 7 सीटों को बचाने की चुनौती है। यहां विपक्ष आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में बंटा हुआ है। दोनों पार्टियों ने गठबंधन को लेकर कई दौर की बातचीत भी की थी लेकिन बात नहीं बनी। 

वोटर लिस्ट में नाम है या नहीं, ऐसे करें चेक 
बिहार में लड़ाई भी बहुत रोचक है, जहां कुल 40 सीट हैं। यहां, बीजेपी-जेडीयू-एलजेपी गठबंधन को आरजेडी-कांग्रेस-वीआईपी-आरएलएसपी-हम के गठबंधन से चुनौती मिल रही है। नीतीश कुमार की जेडीयू इस बार बीजेपी के साथ है, जो पिछली बार अकेले चुनाव लड़ी थी। 

पिछली बार झारखंड की 14 सीटों पर कब्जा जमाने वाली बीजेपी का झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और झारखंड विकास मोर्चा के 'महागठबंधन' से है। इस वजह से इस बार यहां बीजेपी मुश्किल चुनौती से घिरी हुई है। 

हालांकि, बीजेपी को बंगाल से बहुत उम्मीदें हैं जहां चुनाव अब झारग्राम-पुरुलिया-मिदिनापुर-बांकुरा-बिष्णुपुर के आदिवासी बहुल इलाके में पहुंच चुका है। यहां बीजेपी को अपने लिए अवसर दिख रहा है। पार्टी ने पश्चिम बंगाल में 2018 के पंचायत चुनावों में शानदार प्रदर्शन किया था। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *