चोट के कारण खिलाड़ी से कोच बने संधू ने दिलाई सौरव घोषाल और जोशना चिनप्पा को सफलता

नयी दिल्ली
भारतीय राष्ट्रीय स्क्वाश टीम को एक साल से अधिक समय से मुख्य कोच की सेवा नहीं मिल रही है और ऐसे में भारत के स्टार खिलाड़ियों सौरव घोषाल और जोशना चिनप्पा को कुआलालंपुर में एशियाई व्यक्तिगत स्क्वाश चैंपियनशिप में एतिहासिक सफलता के लिए चोटिल साथी हंिरदर पाल संधू की कोंिचग सलाह पर निर्भर होना पड़ा। सक्रिय खिलाड़ी और घोषाल के सबसे अच्छे मित्र संधू उस समय कोच की कुर्सी पर मौजूद थे जब 10वें नंबर का भारतीय खिलाड़ी एशियाई खेलों के चैंपियन लियो आयु को रविवार रात सीधे गेम में हराकर महाद्वीपीय खिताब जीतने वाला भारत का पहला पुरुष खिलाड़ी बना। संधू इस बार टीम के साथ नहीं बल्कि ‘आधिकारिक’ कोच के रूप मे टीम के साथ यात्रा कर रहे हैं। पीठ की गंभीर चोट से उबर रहे संधू ने कामचलाऊ कोच के रूप में काफी अच्छा काम किया जबकि साल की सबसे महत्वपूर्ण प्रतियोगिता में से एक के लिए राष्ट्रीय कोच साइरस पोंचा टीम के साथ नहीं गए।

भारतीय स्क्वाश रैकेट्स महासंघ (एसआरएफआई) के अध्यक्ष देवेंद्रनाथ सारंगी से जब 2018 से टीम के साथ विदेशी कोच नहीं होने के बावजूद पोंचा के कुआलालंपुर नहीं जाने के बारे में पूछा गया तो उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। सारंगी ने कहा कि राष्ट्रीय कोच पोंचा टीम के साथ थे। घोषाल सहित कुआलालंपुर में मौजूद खिलाड़ियों ने हालांकि पुष्टि की कि उन्होंने प्रतियोगिता के दौरान पोंचा को नहीं देखा। पोंचा ने पिछले महीने पीटीआई को बताया था कि एसआरएफआई ने पूर्णकालिक विदेशी कोच की जगह प्रतियोगिता दर प्रतियोगिता के आधार पर विदेशी कोच की नियुक्ति करने का फैसला किया है। एक विदेशी विशेषज्ञ को टीम के साथ कुआलालंपुर जाना था लेकिन सारंगी ने कहा कि उन्हें नियुक्ति पर खेल मंत्रालय की स्वीकृति का इंतजार है। सारंगी ने कहा कि देश में चुनाव चल रहे हैं और सरकार व्यस्त है। हमें कुछ हफ्तों में स्वीकृति मिलने की उम्मीद है और जब अगली प्रतियोगिता आएगी तो विदेशी कोच टीम के साथ जाएगा।

महिला वर्ग में जोशना ने सितंबर 2017 के बाद पहली बार चिर प्रतिद्वंद्वी एनी एयु को हराकर एकल वर्ग के अपने खिताब का बचाव किया। घोषाल ने कोच की गैरमौजूदगी पर टिप्पणी नहीं की लेकिन कहा कि संधू की मौजूदगी अच्छी रही। उन्होंने कहा कि वह मेरा सबसे अच्छा मित्र है और मेरे खेल को काफी अच्छी तरह जानता है। मैंने फाइनल से पहले डेविड पाल्मरर् निजी कोच और दुनिया के पूर्व नंबर एक खिलाड़ीी से बात की और संधू को पता है कि उसने क्या बात की। उसे पता है कि मैं कोर्ट पर क्या कर सकता हूं और निश्चित तौर पर इससे मदद मिली। जोशना ने भी अच्छी लय के लिए संधू और फिजियो डिम्पल को श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि कोच के रूप में हैरीर् संधूी की मौजूदगी शानदार है। वह सक्रिय खिलाड़ी है जो चोट के कारण हिस्सा नहीं ले पाया लेकिन कोच के रूप में वह काफी पेशेवर था। उसे एक हफ्ता पहले ही मेरे साथ तैयारी शुरू कर दी थी और मेरा मिश्रित युगल जोड़ीदार होने के कारण मेरे खेल को काफी अच्छी तरह जानता है।
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *