चीन के फाइटर प्लेन सीमा के नजदीक उड़ान भरते नजर आये

नई दिल्ली
लद्दाख में सीमा पर भारत-चीन में तनाव के बीच ये पता चला है कि करीब 100-150 किलोमीटर दूर स्थित बेस में चीन ने 10-12 फाइटर एयरक्राफ्ट तैनात किए हैं। भारतीय सेना इन फाइटर एयरक्राफ्ट्स (J-11 और J-7) के मूवमेंट पर नजर गड़ाए हुए है, जो होतों और गागुंसा बेस में हैं। सूत्रों के अनुसार ये 10-12 एयरक्राफ्ट भारतीय सीमा के नजदीक उड़ान भरते भी दिख रहे हैं। सेना चीनी विमानों की हर गतिविधि पर नजर गड़ाए हुए हैं।

बताया जा रहा है कि उनके एयरक्राफ्ट लद्दाख इलाके में सीमा से 30-35 किलोमीटर के करीब उड़ान भरते दिख रहे हैं। हालांकि, अंतराष्ट्रीय नियम हैं कि सीमा से 10 किलोमीटर के अंदर कोई विमान नहीं आ सकता और चीनी विमान उस सीमा से दूर ही उड़ान भर रहे हैं।

मई में जब भारतीय सेना और चीनी सेना के चौपल के बीच टकराव की स्थिति बन रही थी तो भारतीय सेना ने सुखोई-30 एमकेआई को तैयार कर लिया था। सूत्रों के अनुसार पिछले साल भी 6 पाकिस्तानी जेएफ-17 एयरक्राफ्ट का मूवमेंट देखा गया था, जो पीओके के स्कार्डु से उड़ा था और होतों में जाकर उसने शाहीन-8 नाम की एक एक्सरसाइज में हिस्सा लिया था।

सीमा पर लाए जा रहे हथियार और टैंक
सेना के कुछ सूत्रों ने बताया है कि भारतीय और चीनी सेनाएं अपने बेस पर हथियार और जंग के मैदान में इस्तेमाल होने वाली गाड़ियां यानी टैंक और अन्य गाड़ियां ला रहे हैं। यहां तक कि आर्टिलरी गन भी सेनाएं अपने बेस पर ला रही हैं। बता दें कि पिछले करीब 25 दिनों से दोनों सेनाओं के बीच तनाव की स्थिति है।

दोनों देशों की सेनाएं अपनी युद्ध की क्षमता उस समय में बढ़ा रही हैं, जब दोनों देशों के बीच मिलिट्री और कूटनीति के स्तर पर बातचीत से झगड़ा सुलझाने की कोशिश की जा रही है। चीन की सेना आर्टिलरी गन और कॉम्बैट व्हीकल पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास ला रही है, तो भारतीय सेना भी सीमा के पास अपने बेस पर चीनी सेना को टक्कर देने लायक हथियार और गाड़ियां ला रही है। इतना ही नहीं, भारतीय वायुसेना भी इस इलाके का लगातार सर्विलांस कर रही है।

सैटेलाइट की तस्वीरें ने भी खोली थी चीन की पोल
इससे पहले सैटेलाइट से मिली तस्वीरों ने चीन दोहरा चरित्र सामने ला दिया था। हमारे सहयोगी टीवी चैनल टाइम्स नाऊ ने सैटेलाइट की तस्वीरें दिखाई कि चीन ने लद्दाख वॉर मॉडल को हेलन शन इलाके में रीक्रिएट किया था, ताकि इसकी अच्छे से स्टडी की जा सके और अपने सुरक्षा बलों को भविष्य के संभावित हमले के लिए ट्रेन किया जा सके। इस इलाके में सुरक्षा बल, हैलीपैड, पावर प्लांट यूनिट, पीएलए कैंप और भारी-भारी ट्रक देखे गए हैं। इससे चीन का दोहरा चरित्र उजागर हुआ है कि एक तरफ तो चीन शांति की बात करता है और दूसरी तरफ हमला करने की तैयारी कर रहा है।

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