चीन की एयरफोर्स पीओके के एयरबेसों का इस्तेमाल कर सकती !

नई दिल्ली
पूर्वी लद्दाख में चीन लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर लगातार नापाक हरकतें कर रहा है और इसमें उसे अपने ‘सदाबहार दोस्त’ पाकिस्तान का भी पूरा साथ मिल रहा है। यही वजह है कि भारत को चीन के साथ-साथ पाकिस्तान की हरकतों पर भी नजर रखनी पड़ रही है। सूत्रों के मुताबिक पिछले सप्ताह चीन की एयरफोर्स पीएलएएएफ का एक रिफ्यूलर एयरक्राफ्ट पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के स्कर्दू में उतरा था। इसके बाद से भारत पीओके में स्थित पाकिस्तानी एयरफोर्स के ठिकानों पर बराबर नजर रख रहा है। स्कर्दू लेह एयरबेस से मात्र 100 किमी दूर है और हाल में पाकिस्तान ने इसका विस्तार किया है।
पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पार चीन की हवाई गतिविधियों बढ़ गई हैं जिससे यह आशंका बढ़ रही है कि चीन की एयरफोर्स पीओके के एयरबेसों को इस्तेमाल कर सकती है। भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले कई दिनों से तनातनी चल रही है। चीनी सेना ने मई शुरुआत में पूर्वी लद्दाख में अपनी तैनाती बढ़ानी शुरू की थी और मजबूरन भारत को भी वहां अतिरिक्त सैनिक भेजने पड़े।

इंडियन एयरफोर्स भी अलर्ट पर है और लद्दाख में उनसे अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। अतिरिक्त सैनिकों और रसद को पहुंचाने के लिए वायुसेना के विमान लगातार उड़ान भर रहे हैं। साथ ही एलएसी पर नजर रखने के लिए सुखोई-30 और मिग-29 विमान भी दिन में कई बार उड़ान भर रहे हैं। चीन ने पूर्वी लद्दाख सीमा पर अपनी हवाई गतिविधि बढ़ाने के साथ ही शिनजियांग के होटान एयरबेस में अतिरिक्त सुखोई-27 विमानों को तैनात किया है। भारत इस पर करीबी नजर बनाए हुए है और चीन की सेना के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए उसके बराबर ही लड़ाकू विमान तैनात किए जा रहे हैं।

इंडियन एयरफोर्स बेहतर स्थिति में
पीएलएएएफ के तिब्बत में कई एयरबेस हैं। इनमें होटान में सबसे अधिक विमानों को तैनात किया गया है। लेकिन चीन के साथ समस्या यह है कि उसके अधिकांश बेस 4000 फीट से अधिक ऊंचाई पर हैं। इससे फाइटर विमानों को हथियारों और ईंधन के साथ उड़ान भरना मुश्किल होता है।

इसकी तुलना में भारत के अधिकांश एयरबेस पंजाब और हरियाणा में मैदानी इलाकों में हैं। इससे युद्धक विमान हथियारों के साथ उड़ान भरने के लिए बेहतर स्थिति में हैं। इस समस्या से बचने के लिए चीन की एयरफोर्स हवा में ईंधन भरने वाले टैंकर विमानों को तैनात कर सकती है लेकिन भारतीय सैन्य योजनाकारों की चिंता हमेशा से यही रही है कि युद्ध के समय पाकिस्तान पीओके के एयरबेस चीन को दे सकता है।

स्कर्दू में हलचल
सूत्रों के कहना है कि स्कर्दू एयरबेस पर सीमित गतिविधियां देखी जा रही हैं। कुछ दिन पहले वहां चीनी एयरफोर्स का एक आईएल 78 टैंकर विमान उतरा था। इसके साथ ही पाकिस्तानी एयरफोर्स के ट्रांसपोर्ट विमान भी वहां उतरे। स्कर्दू लेह एयरबेस से मात्र 100 किमी दूर है और हाल में पाकिस्तान ने इसका विस्तार किया है।

पिछले साल अगस्त में पाकिस्तान एयरफोर्स के जेएफ-17 फाइटर विमान चीन के होटान जाते समय स्कर्दू में उतरे थे। होटान में उन्होंने चीनी एयरफोर्स के साथ संयुक्त युद्धाभ्यास किया था। शाहीन सिरीज की इस एक्सरसाइज में चीन के जे10 विमानों ने हिस्सा लिया था। यह युद्धाभ्यास पूर्वी लद्दाख में एलएसी के उस पार हुआ था और भारत की इस पर करीबी नजर थी।

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