चीनी सैनिकों के भारतीय क्षेत्र में कैंप बनाने हुई थी झड़प की शुरुआत 

 
नई दिल्ली 

लद्दाख में LAC के पास एक महीने से ज्यादा समय से भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने आए हैं. भारतीय सेना चीन की हिमाकत का मुंहतोड़ जवाब दे रही है. लेकिन सोमवार की रात को जो हुआ वो 45 साल में पहली बार हुआ. 70 के दशक के बाद पहली बार एलएसी पर भारतीय जवानों की शहादत हुई है. इस झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए हैं. समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक चीन के 43 सैनिक हताहत हुए हैं. इसमें से कई की मौत हुई है तो कई गंभीर रूप से घायल हुए हैं.

इस झड़प की शुरुआत चीन की ओर से हुई थी, जिसका भारतीय सैनिकों ने करारा जवाब दिया. इस घटना की शुरुआत होती है चीनी सैनिकों के भारतीय क्षेत्र में कैंप बनाने से. दरअसल, पिछले हफ्ते के मध्य में चीनी सेना भारतीय क्षेत्र में आई और कैंप खड़ा कर दिया. भारतीय सैनिकों ने चीन के इस कैंप को ध्वस्त कर दिया. इस दौरान दोनों देशों की सैनिकों में झड़प हुई. बटालियन के सेकंड इन कमांड इस घटना में घायल हुए.
 
इसके बाद चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र से वापस लौट गए. लेकिन हफ्ते के अंत में वे एक बार फिर भारी संख्या में भारतीय क्षेत्र में लौट आए. रविवार को पत्थरबाजी की घटना हुई. सोमवार की शाम को श्योक नदी के पास दोनों देशों के सैनिकों में फिर झड़प हुई.
 
ये झड़प बढ़ती गई और कुछ भारतीय सैनिक नदी में घिर गए. सोमवार की रात तक भारत और चीनी सैनिकों में हाथापाई होती रही. इसमें कांटेदार तार के साथ पत्थरों का भी इस्तेमाल किया गया. कई सैनिकों के सिर पर भी चोट आई. ये झड़प सोमवार देर रात खत्म हुई. रात के अंधेरे में श्योक नदी से कई शव निकाले गए. कई सैनिक जो घायल हुए थे उन्होंने मंगलवार सुबह तक दम तोड़ दिया.

समाचार एजंसी ANI के मुताबिक भारतीय सैनिकों ने चीन को भी मुंहतोड़ जवाब दिया और इस घटना में ड्रैगन को भी भारी नुकसान का सामना करना पड़ा. इस घटना में चीन के 43 सैनिक हताहत हुए. बाद में LAC पर चीनी हेलिकॉप्टर को भी देखा गया, जो मृत और घायलों का ले जाने के लिए आया था.

इस पूरी घटना पर भारतीय सेना ने बयान जारी किया है. सेना ने कहा कि 15 जून की रात को गलवान घाटी इलाके में हिंसक झड़प हुई थी. इस घटना में 20 सैनिक शहीद हुए हैं.
 

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