चिकित्सा पाठ्यक्रमों में ओबीसी छात्रों को मिले प्रवेश ,अखिल भारतीय कोटा की अनुमति का आग्रह

रायपुर
राज्य के सभी चिकित्सा पाठ्यक्रमों में ओबीसी छात्रों के प्रवेश के लिए अखिल भारतीय कोटा की अनुमति दिए जाने का आग्रह अखिल भारतीय कांग्रेस के पिछड़ा वर्ग विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष ताम्रध्वज साहू ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से किया है। इस विषय में उन्होंने एक पत्र भी एचआर मंत्री को लिखा है। साहू ने पोखरियाल निशंक को संबोधित पत्र में संविधान संशाधन का हवाला देते हुए कहा आप जानते हैं कि संविधान का 93 वां संशोधन अधिनियम, 2005  अनुच्छेद 15 के खंड (5) द्वारा राज्य को अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और सामाजिक-शिक्षित रूप से पिछड़े वर्ग के छात्रों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए और सभी केंद्र सरकार के शिक्षण संस्थानों, सहायता प्राप्त या बिना किसी निजी शिक्षण संस्थान (संविधान के अनुच्छेद 30 (1) के तहत स्थापित अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को छोड़कर) में उनके दाखिले के लिए कानून बनाकर विशेष प्रावधान करने में सक्षम बनाता है।

इसके अलावा, मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में उच्च शिक्षा के लिए केंद्र सरकार के संस्थानों और राज्य सरकार के संस्थानों में प्रवेश हेतु ओबीसी छात्रों के लिए आरक्षित 27त्न के अखिल भारतीय कोटा में से शून्य प्रतिशत मेडिकल सीटें आवंटित की गई हैं। सरकार मेडिकल पाठ्यक्रमों में सीटें भरने के लिए अखिल भारतीय कोटा में इन छात्रों को सीटें मंजूर नहीं करके संविधान के अनुच्छेद 15 खंड (5) के प्रावधानों की अनदेखी कर रही है। निजी संस्थान को छोड़ दें, तो सरकार ने केंद्रीय संस्थानों यानी अखिल भारतीय चिकित्सा विज्ञान, सफदरगंज अस्पताल, पीजीएमआईआर और मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए अखिल भारतीय कोटा में आरक्षित सीटों की अनुमति भी नहीं दी है। सरकार के इस कृत्य से कई छात्रों ने चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में अपने कैरियर के अवसरों को खो दिया है।

मैं विनम्रतापूर्वक आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया इस तथ्य पर विचार करें और अनुच्छेद 15 खंड (5) के निर्धारित प्रावधानों के अनुसार सभी चिकित्सा पाठ्यक्रमों में ओबीसी छात्रों के प्रवेश के लिए अखिल भारतीय कोटा की अनुमति दें। ताकि भावी छात्र उपर्युक्त पाठ्यक्रमों में प्रवेश पा सकें और अपना भविष्य सुरक्षित कर सकें। मुझे उम्मीद है कि आप इस संबंध में तुरंत कार्रवाई करेंगे और मेडिकल पाठ्यक्रमों में अखिल भारतीय कोटा लागू करेंगे और भावी छात्रों के साथ न्याय करेंगे।

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