चंद्रयान-2 मिशन: पहली बार महिला वैज्ञानिकों के नेतृत्व में लॉन्च होगा स्पेस मिशन

 
चंद्रयान-2 मिशन की लॉन्चिंग के साथ ही भारत अंतरिक्ष में इतिहास रचने वाला है। इसके साथ ही भारत का यह पहला ऐसा अंतरिक्ष मिशन होगा, जिसका नेतृत्व दो महिला वैज्ञानिकों के हाथ में है। वनिता मुथय्या भारत के दूसरे चंद्रयान मिशन की प्रॉजेक्ट डायरेक्टर के तौर पर काम संभाल रही हैं, जबकि रितु करिधल के पास मिशन डायरेक्टर का जिम्मा है। वनिता डेटा हैंडलिंग की एक्सपर्ट हैं। वह समस्याओं को सुलझाने और टीम का बेहतरीन नेतृत्व करने की क्षमता रखती हैं। इससे पहले वह चंद्रयान-1 के अलग-अलग पेलोड्स से आने वाले डेटा का विश्लेषण करती थीं। अब उन्हें चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग से लेकर उसके कम्पलीशन तक का जिम्मा दिया गया है। 
इसके अलावा रितु करिधल भी कई महत्वपूर्ण मिशनों में शामिल रही हैं। उनका मुख्य काम विमान के चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश की प्रक्रिया को देखना होगा। इससे पहले वह चंद्रयान-1 मिशन में डेप्युटी ऑपरेशंस डायरेक्टर के तौर पर काम कर चुकी हैं। चंद्रयान मिशन की टीम की क्षमता को लेकर इसरो के चेयरमैन के. सिवन ने कहा, 'किसी भी काम की सीमाएं तय करना मुश्किल है। इसरो के कुल 17,000 स्टाफ में से हर प्रॉजेक्ट के लिए सभी कुछ न कुछ योगदान देते हैं।' 

उन्होंने कहा, 'यह नेटवर्क कल्चर है। यह कहना सही नहीं है कि किसी एक व्यक्ति का ही योगदान है। यहां कई गुमनाम हीरो हैं, जो हजारों में हैं। इसलिए इसे टीम इसरो कहना ही सबसे अच्छा है।' इसरो के एक सूत्र ने कहा, 'किसी प्रोग्राम के लिए सभी लोग अपना-अपना योगदान देते हैं। लेकिन, चंद्रयान-2 मिशन में मुख्य रूप से 300 लोगों की टीम शामिल है। इसमें 20 से 30 फीसदी महिलाएं हैं।' महिलाओं का दूसरे ग्रहों पर जाने वाले मिशनों में हमेशा से महत्वपूर्ण योगदान रहा है। 
 

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