चंदा कोचर केस में FIR दर्ज कर महाराष्ट्र में चार ठिकानों पर छापेमारी कर रही है CBI
नई दिल्ली
CBI ने ICICI की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, विडियोकॉन ग्रुप के एमडी वीएन धूत एवं अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इसी सिलसिले में मुंबई और महाराष्ट्र के चार अलग-अलग ठिकानों पर सीबीआई के छापे पड़ रहे हैं। सीबीआई के ऑफिसर मुंबई में विडियोकॉन के नरीमन पॉइंट स्थित मुख्यालय पर भी तलाशी ले रहे हैं। यह छापेमारी विडियोकॉन ग्रुप को 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से मिले 3,250 करोड़ रुपये के लोन मामले के सिलसिले में हो रही है।
सीबीआई की एफआईआर में कहा गया है कि आरोपियों ने कथित तौर पर आईसीआईसीआई के साथ फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए आपराधिक साजिश के तहत दूसरे आरोपियों के साथ मिलकर कुछ लोन पास कराए।
CBI Sources: Central Bureau of Investigation registers FIR in Chanda Kochhar case. Raids being conducted by CBI at four locations in Mumbai, Maharashtra. pic.twitter.com/KOLRib9Ujn
— ANI (@ANI) January 24, 2019
इससे पहले चंदा कोचर ने 4 अक्टूबर, 2019 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। बैंक के बोर्ड ने समय से पूर्व पद छोड़ने की उनकी मांग को स्वीकार करने के बाद उनकी जगह संदीप बख्शी को अगला मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जिक्युटिव ऑफिसर नियुक्त किया।
क्या है मामला?
विडियोकॉन ग्रुप को 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से 3,250 करोड़ रुपये के लोन का मामला है। यह लोन कुल 40 हजार करोड़ रुपये का एक हिस्सा था जिसे विडियोकॉन ग्रुप ने एसबीआई के नेतृत्व में 20 बैंकों से लिया था। विडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत पर आरोप है कि उन्होंने 2010 में 64 करोड़ रुपये न्यूपावर रीन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (NRPL) को दिए थे। इस कंपनी को धूत ने दीपक कोचर और दो अन्य रिश्तेदारों के साथ मिलकर खड़ा किया था।
ऐसे आरोप हैं कि चंदा कोचर के पति दीपक कोचर समेत उनके परिवार के सदस्यों को कर्ज पाने वालों की तरफ से वित्तीय फायदे पहुंचाए गए। आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक से लोन मिलने के 6 महीने बाद धूत ने कंपनी का स्वामित्व दीपक कोचर के एक ट्रस्ट को 9 लाख रुपये में ट्रांसफर कर दिया।