ग्वालियर को बड़ी राहत, कोरोना पॉजीटिव मरीजों की संख्या अब ‘शून्य’

ग्वालियर
जानलेवा कोरोना वायरस के खौफ के बीच ग्वालियर को बड़ी राहत मिली है। ग्वालियर में कोरोना पॉजीटिव मरीजों की संख्या फिलहाल पूरी तरह से अब 'शून्य' हो चुकी है। ऐसा इसलिए हुआ है क्योकि जिले के वह दो मरीज जो कोरोना पॉजीटिव आए थे उनकी जांच रिपोर्ट अब कोरोना निगेटिव आई है। खास बात ये है कि जिले के पहले कोरोना पॉजीटिव मरीज चेतकपुरी निवासी अभिषेक मिश्रा की दूसरी बार जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हे कल रविवार को जेएएच के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से डिसचार्ज कर घर भेज दिया गया है। जबकि पॉजीटिव आए टेकनपुर बीएसएफ के अधिकारी अशोक कुमार की यह डीआरडीई से आई यह पहली कोरोना निगेटिव रिपोर्ट है।  

लिहाजा बीएसएफ अधिकारी की तय गाइड लाइन के मुताबिक पांच दिन बाद फिर से सैंपल जांच के लिए भेजा जाएगा। दूसरी रिपोर्ट भी अगर निगेटिव आती है तो उन्हे भी आइसोलेशन वार्ड से डिसचार्ज कर दिया जाएगा। वहीं जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर एक बार फिर 8 अप्रैल तक टोटल लॉकडाउन के आदेश जारी कर दिए है। इस दौरान आवश्यक सेवाएं चालू रहेंगी और लोगों के बिना किसी ठोस कारण के घर से निकलना पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।

दूसरी राहत की खबर यह है कि सीएमएचओ डॉ.एसके वर्मा जिनका स्वास्थ्य जब दो दिन पहले खराब हुआ तो उनका सैंपल लेकर उन्हे संदिग्ध मानते हुए कोरेंटाइन कर दिया गया था। सैंपल की जांच रिपोर्ट में डॉ.वर्मा भी कोरोना निगेटिव आए हैं।

जिले में अब तक कुल 174 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके है। इनमें से 142 की जांच रिपोर्ट आई। यह सभी रिपोर्ट निगेटिव आई।  42 नमूनों की जांच रिपोर्ट अभी आना बाकी है। इसके अलावा ग्वालियर में अब तक 1212 व्यक्तियों को होम क्वारंटाइन किया गया है।  जबकि 3 हजार से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है।

गजराराजा मेडिकल कॉलेज में आज से कोरोना की जांच संभव हो सकेगी। इसकी तैयारी भी कर ली गई है। इसलिए अब कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट और जल्दी सामने आ सकेगी। दरअसल अभी तक कोरोना वायरस की पुष्टि के लिए सैंपल डीआरडीई भेजे जाते थे, लेकिन गजराराजा मेडिकल कॉलेज में भी अब यह जांच आज से शुरू होगी।

लोक स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण विभाग ने अपने सभी अस्पतालों में मरीजों से शुल्क नही लिए जाने के निर्देश जारी किए है। अस्पताल में आने पर मरीजों से अभी पंजीयन शुल्क लिया जाता है। इसके लिए मरीजों को लाइन मे लगकर पंजीयन करना पड़ता है। संक्रमण की संभावना को देखते हुए मरीजों से अगले आदेश तक शुल्क नही लेने के लिए कहा गया है।

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