गौशाला के पास दो हेक्टेयर पर चारागाह होना जरूरी
भोपाल
गौशालाओं में गाएं कहीं भूखी-प्यासी न रहे, इसलिए राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि जहां चारागाह की व्यवस्था होगी। इसके चलते गौशालाएं उन्हीं पंचायतों में बनाई जाएंगी जहां चारा और पानी की व्यवस्था होगी।
राज्य सरकार ने सभी पंचायतों से कहा है कि जहां भी गौशाला खोलें वहां कम से कम दो हेक्टेयर भूमि चारागाह के लिए होना जरूरी है। बिना चारागाह और जलाशय के गौ-शालाएं खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। गौ-शालाओं में कार्य की निगरानी जियो टैग के माध्यम से की जाएगी।
वहीं, पंचायत एवं ग्रामीण विभाग हर गौशालाओं का मासिक और वार्षिक निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करेगा, निरीक्षण के दौरान कमियां पाए जाने पर संबंधित सचिव और गौशाला संचालित करने वाले समूहों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
गौ-शालाओं में चारागाह, गायों के रहने के लिए छाया, चौकीदार कक्ष, स्टोर रूम, सड़क, बाउन्ट्रीवाल सहित अन्य कार्य नरेगा मद से किया जाएगा। बाउंड्रीबाल के चारों तरफ पौधरोपण भी किया जाएगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने सभी पंचायतों से उनके पंचायत में गौ-शालाओं के लिए दो हैक्टयर अथवा उससे ज्यादा जमीन उपलब्ध के संबंध में जानकारी मांगी है।
जिन पंचायतों के पास पर्याप्त जमीन है उन्हें गौशाला बनाने के लिए जिला मुख्यालयों में प्रस्ताव भेजने के लिए कहा है। गौशालाएं बनाने की अंतिम स्वीकृति जिला प्रशासन की अनुमति के बाद ही पंचायतों को दी जाएगी।