गोपीचंद के समकालीन दीपांकर का लक्ष्य ओलंपिक पदक विजेता तैयार करना

उल्वे (महाराष्ट्र)
बैडमिंटन के राष्ट्रीय कोच पी गोपीचंद के समकालीन और ओलंपिक में दो बार देश का प्रतिनिधित्व करने वाले पूर्व खिलाड़ी दीपांकर भट्टाचार्य ओलंपिक पदक विजेता तैयार करने के अपने पूर्व प्रतिद्वंद्वी की राह पर चल रहे हैं। दीपांकर ने 1992 बार्सिलोना ओलंपिक (तीसरे दौर) और 1996 अटलंटा ओलंपिक (दूसरे दौर) में देश का प्रतिनिधित्व किया है।  दीपांकर मुंबई से लगभग 43 किलोमीटर दूर उल्वे शहर स्थित अपनी अकादमी में युवा खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। ओलंपिक पदक विजेता खिलाड़ी तैयार करने के अपने सपने को पूरा करने के लिए वह मलेशिया के कोच मोहम्मद हाइरी बिन मुत्जुबेर की सेवाएं भी ले रहे हैं।

भट्टाचार्य ने कहा कि मेरा लक्ष्य इन खिलाड़ियों में कम से कम एक ओलंपिक पदक विजेता तैयार करना है। इस समय मेरी जिंदगी का सिर्फ यही लक्ष्य है। पूर्व राष्ट्रीय एकल चैम्पियन ने कहा कि गोपी ने अपनी जिम्मेदारी निभाई। मैं अपनी जिम्मेदारी निभाना चाहता हूं। मैं जो कुछ भी कर सकता हूं, मेरे पास जो भी ज्ञान और विशेषज्ञता है, उसे मैं अगली पीढ़ी के साथ साझा करना चाहता हूं। भट्टाचार्य एक सरकारी स्वामित्व वाली फर्म के साथ कार्यरत है लेकिन वह भविष्य के बैडंिमटन सितारों को तैयार करने के लिए शाम को समय निकालते हैं। राष्ट्रीय खिताब को तीन बार जीतने वाले 47 साल के इस पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि कई बार मैंने खेल से दूर होने की कोशिश की। मैंने अपने कार्यालय में करियर बनाने की कोशिश जहां मेरी पदोन्नति हो सकती है। लेकिन खेल से जुड़े एक शख्स के तौर पर मैं बैडमिंटन से दूर नहीं हो सकता।
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *