गुरुकुल के अनुशासन में जुड़ा नशा उन्मूलन का अध्याय : छात्र जीवन के बाद भी गुरुकुल के शिष्य कभी नहीं करेंगे नशा

महासमुन्द
पाश्चात्य ही नहीं बल्कि धर्म और वैदिक शिक्षाओं के लिए जाने माने कुछ ऐसे शैक्षणिक संस्थान आज भी संचालित हैं जो जन सहयोग से बालक-बालिकाओं के संपूर्ण नैसर्गिक विकास के लिए प्रयासरत हैं। छात्रावास में रह कर अनुशासन सीखने वालों सहित गृहस्थ जीवन शैली में पालकों के संरक्षण में रहने वाले दोनों ही तरह के छात्र अध्ययनरत हैं। हम बात कर रहे हैं जिला मुख्यालय महासमुंद के समीप ग्राम कोसरंगी स्थित गुरुकुल की जिसका नाम आर्ष ज्योति गुरुकुल आश्रम है। यहां सैकड़ों विद्यार्थियों को शैक्षणिक स्तर पर काबिल बनाने के साथ जीवन दर्शन की दीक्षा दी जाती है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आरके परदल के निर्देशन एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार के मार्गदर्शन में गैर संचारी रोक कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ अनिरुद्ध कसार का अमला जिला सलाहकार सुश्री अदीबा बट्ट के नेतृत्व में तंबाकू नशा उन्मूलन जागरूकता कार्यशाला आयोजित करने पहुंचा। जिला तंबाकू नशा-मुक्ति केन्द्र दल की मनोवैज्ञनिक परामर्शदाता श्रीमती मेघा ताम्रकार ने छात्रों को तंबाकू नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराते हुए परिजनों एवं संपर्क में आने वाले सभी लोगों को नशा उन्मूलन की दिशा में प्रेरित करने को कहा। गुरुकुल विद्यालय के प्राचार्य श्री कोमल कुमार के सहयोग से प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित कर विजयी विद्यार्थियों को राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम द्वारा प्रदत्त आईईसी साम्रगी सहित टिफिन, कंपास बॉक्स एवं कलर पेंसिल से पुरस्कृत कर उत्साहवर्धन भी किया गया।

राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के सामाजिक कार्यकर्ता श्री असीम श्रीवास्तव ने पाया की छात्रावास में रह कर अध्ययन करने वाले छात्र दीपोत्सव अवकाश पर अपने मूल निवास स्थान के प्रवास पर होते हैं। उन्होंने छात्रों को गुरुकुल के अलावा बाहरी दुनिया के संपर्क में नशे के आदि लोगों एवं भ्रामक प्रचारों से बचने की हिदायत दी। साथ ही छात्र जीवन पूर्ण होने के बाद भी नशा उन्मूलन एवं संयम बनाते हुए अन्य लोगों को भी नशा-मुक्ति की ओर प्रेरित करने के लिए शपथ दिलाई।इस गुरुकुल केंद्र में छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि समीपस्थ अन्य राज्यों के भी विद्यार्थी बड़ी संख्या में अध्ययन कर रहे हैं। संस्था के संचालकों सहित छात्रों की जिज्ञासा पर बताया गया कि जिला तंबाकू नशा मुक्ति केंद्र केवल जिला महासमुंद तक ही सीमित नहीं है बल्कि राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम एक राष्ट्रव्यापी अभियान है।

अगर, आप चाहें तो नशा उन्मूलन के लिए छत्तीसगढ़ ही नहीं अपितु जिस राज्य के भी मूल निवासी हैं वहां के शासकीय जिला चिकित्सालय के जिला तंबाकू नशा मुक्ति केंद्र जाकर सलाहकारों से परामर्श एवं चिकित्सकों से निःशुल्क मेडिकेटेड च्यूइंगम एवं पैचेस प्राप्त कर सकते हैं। मनोवैज्ञानिक तरीके से घरेलू उपाए अपनाते हुए नशा छोड़ने के दौरान आने वाले विड्रॉल सिम्टम्स में ये चिकित्सकीय अभ्यास काफी कारगर सिद्ध होते हैं। जिले में अप्रैल 2019 से अब तक लगभग  एक हजार से अधिक नागरिकों ने तंबाकू नशा-मुक्ति केंद्र से संपर्क कर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। ऐसे ही प्रयास अन्य सभी राज्यों एवं जिलों में संचालित हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *