गुरदासपुर में सनी देओल को घेरने के लिए कांग्रेस ने बनाई रणनीति

 
नई दिल्ली 

गुरदासपुर में बॉलिवुड ऐक्टर विनोद खन्ना की मौत के बाद बीजेपी ने सनी देओल को मैदान में उतारकर मौजूदा चुनाव को काफी रोचक बना दिया है। कांग्रेस ने यहां से जाट नेता सुनील जाखड़ को टिकट दी है, जो पिछले उपचुनाव में यहां से जीते थे। माना जा रहा है पुलवामा के बाद बालाकोट में एयर स्ट्राइक के बाद बीजेपी ने राष्ट्रवाद और देशभक्ति के माहौल को देखते हुए उसी भाव को आगे बढ़ाने के लिए सनी देओल जैसे ऐक्टर को गुरदासपुर से उतारा। गौरतलब है कि बॉर्डर और गदर जैसी फिल्मों के जरिए उनकी इमेज राष्ट्रवाद के भाव को आगे बढ़ाती दिखती है। 
 
सनी के बाहरी होने का मुद्दा उठाएगी कांग्रेस 
सनी की इमेज कांग्रेस के लिए चुनौती बन रही है। कांग्रेस ने उसकी काट की तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, एक ओर कांग्रेस जहां सनी देओल के बाहरी होने का मुद्दा उठाने की तैयारी में है, वहीं दूसरी ओर उसने देओल के बॉलिवुड इमेज की काट करना भी शुरू कर दिया है। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हाल ही में सनी देओल के फिल्मी फौजी इमेज पर चोट करते हुए कहा था कि सनी देओल फिल्मी फौजी हैं, जबकि मैं तो असली फौजी हूं। यह चुनावी रण हैं, जहां फिल्मी इमेज काम नहीं करती। कांग्रेस नेता और पंजाब की प्रभारी आशा कुमारी का कहना था कि यह बीजेपी का दिवालियापन दिखाता है कि वह इतने बड़े पंजाब में से कोई स्थानीय नेता नहीं दे पाए। उन्हें बाहर से लोगों को लाकर लड़वाना पड़ रहा है। 
 
बताया जाता है कि कांग्रेस की योजना है कि आने वाले दिनों में वह गुरदासपुर में बीजेपी को घेरने के लिए 2015 में दीनानगर हमले, पठानकोट एयरबेस पर हमले व पुलवाला हमले में सुरक्षा की चूक का मामला उठाते हुए हमला करेगी। साथ ही कांग्रेस सनी के बाहरी होने का मामला भी जोर-शोर से उठाएगी। इसके अलावा, यहां करतारपुर कॉरिडोर मामले के साथ युवाओं को रोजगार का मामला भी उठाया जाएगा। 

टिकट न मिलने से खफा कविता खन्ना 
दिवंगत ऐक्टर विनोद खन्ना की पत्नी कविता खन्ना ने शनिवार को बीजेपी द्वारा अपनी अनदेखी किए जाने को लेकर अपनी पीड़ा सामने रखी। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि जिस तरह से बीजेपी ने गुरदासपुर में ऐन मौके पर टिकट देने के मामले में उनकी अनदेखी की है, उससे लगता है कि बीजेपी ने उन्हें छोड़ दिया। कविता गुरदासपुर से अपने पति की जगह टिकट चाह रही थीं। कविता को इस बात का भी मलाल था कि पार्टी ने गुरदासपुर के टिकट ऐलान करने में उन्हें भरोसे में नहीं लिया। उन्हें बीजेपी का यह रवैया विश्वासघात जैसा नजर आया। हालांकि उन्होंने इस संभावना से साफ इनकार किया कि वह गुरदासपुर से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगी। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *