गुड न्यूज: बिहार में 50 लाख श्रमिकों को रोजगार देने की तैयारी

पटना 
बिहार में अलग-अलग राज्यों से अबतक पांच लाख प्रवासी मजदूर आ चुके हैं। विशेष ट्रेनों से ही साढ़े तीन लाख मजदूर आए हैं, जिनकी संख्या रविवार तक चार लाख से अधिक हो जाएगी। वहीं, 20 लाख लोग और विभिन्न राज्यों से बिहार आने वाले हैं। आने वाले मजदूरों को भी सालोंभर रोजगार देने के लिए राज्य सरकार ने कमर कस ली है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी विभागों को रोजगार के अवसर बढ़ाने, जिला स्तर पर इसके अवसर तलाशने और इसकी कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार ने 50 लाख श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए हर जिले में अध्ययन कराया जा रहा है। ताकि पहले से यहां रह रहे मजदूरों के साथ-साथ आने वालों को भी रोजगार दिया जा सके। 

मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही लॉकडाउन के दौरान अभी-तक दो करोड़ 17 लाख मानव दिवस का सृजन किया गया है। तीन लाख 91 हजार योजनाएं शुरू कर दी गई हैं। अभी जिन क्षेत्रों में बिहार में अधिक काम उपलब्ध है, उनमें मनरेगा, नल-जल योजना, नाली-गली पक्कीकरण योजना, सड़क निर्माण और जल-जीवन-हरियाली के तहत चल रहे काम हैं। नयी योजानएं शुरू करने की तैयारी चल रही है। मुख्यमंत्री ने नई निर्माण इकाइयों की स्थापना के लिए आवश्यक पहल करने का निर्देश उद्योग विभाग को दिया है। ताकि मजदूरों को स्थायी रोजगार मिले। 

उद्योग विभाग के सचिव नर्मदेश्वर लाल ने कहा है कि राज्य में कितने तरह के काम हैं, इनकी संख्या क्या है, इसको लेकर शनिवार को ही एक पोर्टल लांच किया गया है। सभी जगहों से इसका डाटा आने के बाद इसे पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। जो प्रवासी अपना उद्योग शुरू करना चाहते हैं, उन्हें पूरी मदद मिलेगी।

राज्य सरकार 50 लाख मजदूरों के लिए रोजगार मुहैया कराने के लक्ष्य पर काम कर रही है। इस लक्ष्य के आधार पर ही रोजगार सृजन की तैयारी, हर जिले में शुरू कर दी गई है। यह भी अध्ययन कराया जा रहा है कि किन-किन जिलों में कौन-कौन से काम कराए जा सकते हैं। 
-श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री 

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