गुजरात में राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के दो विधायकों का इस्तीफा

अहमदाबाद
गुजरात में राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में फिर से बगावत हो गई है। कांग्रेस के दो विधायकों ने गुजरात विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। इस पर कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी पर हमला बोला है। कांग्रेस ने आरोप लगाया, 'गुजरात में बीजेपी सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने सक्षम नहीं है, लेकिन विधायकों के हॉर्स ट्रेडिंग पर पूरा कंट्रोल है।' गुजरात में 2017 राज्यसभा चुनाव जैसे हालात बनते दिख रहे हैं। 2017 में इसी तरह बीजेपी ने गुजरात में एक अतिरिक्त उम्मीदवार उतारकर कांग्रेस के दिग्गज अहमद पटेल की सीट फंसा दी थी।

गुजरात में राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस बौखला गई है। कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया कि गुजरात में बीजेपी सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने कमें सफल नहीं हो सकी है, लेकिन विधायकों के खरीद फरोख्त पर उसका पूर्ण नियंत्रण है। क्या कोई भी सरकार या कोई भी पार्टी इससे कम स्तर पर खड़ी हो सकती है? इसके अलावा कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से #बेशर्म_बीजेपी भी चलाया जा रहा है।

इस्तीफा देने से एक दिन पहले सीएम और डेप्युटी सीएम से मिले थे विधायक
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही कांग्रेस विधायकों ने गुजरात के सीएम विजय रूपाणी और डेप्युटी सीएम नितिन पटेल से मुलाकात की थी, जिसे उन्होंने कोरोना को लेकर हुई चर्चा करार दिया था। इसके बाद अब कांग्रेस के दो विधायकों अक्षय पटेल और जीतू चौधरी ने इस्तीफा दे दिया है। राज्य से चार राज्यसभा सीटों के लिए 19 जून को चुनाव होने हैं। गुजरात विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी ने कहा, 'मैंने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। अब वह दोनों विधायक नहीं है।' पटेल वडोदरा की कर्जन सीट का और चौधरी वलसाड की कपराडा सीट का प्रतिनिधि करते थे।

मार्च में भी कांग्रेस के पांच विधायकों ने दिया था इस्तीफा
गुजरात में इससे पहले मार्च में भी कांग्रेस के पांच विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था। राज्य की 183 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ बीजेपी के 103 और विपक्षी दल कांग्रेस के 66 विधायक हैं। राज्य से राज्यसभा की चार सीटों के लिए हाल ही में बीजेपी ने तीन और कांग्रेस ने दो उम्मीदवारों की घोषणा की है। बीजेपी ने अभय भारद्वाज, रमीला बारा और नरहरी अमीन को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता शक्तिसिंह गोहिल और भरतसिंह सोलंकी को उम्मीदवार बनाया है।

गुजरात में 2017 वाले हालात बने
गुजरात में एक बार फिर से 2017 जैसी स्थिति बनती दिख रही है। 2017 में इसी तरह बीजेपी ने गुजरात में एक अतिरिक्त उम्मीदवार उतारकर कांग्रेस के दिग्गज अहमद पटेल की सीट फंसा दी थी। कांग्रेस के 6 विधायकों ने तब चुनाव से ठीक पहले इस्तीफा दे दिया था। एक वोट निरस्त होने की वजह से किसी तरह अहमद जीत पाए थे लेकिन इसके लिए कांग्रेस को चुनाव आयोग से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़नी पड़ी थी।

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