गुजरात: बीजेपी के खाते में जा सकती हैं 3 राज्यसभा सीटें

अहमदाबाद
गुजरात में राज्यसभा की चार सीटों के लिए शुक्रवार को वोटिंग से पहले भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के दो विधायकों ने वोट न करने का फैसला किया। बीटीपी प्रमुख छोटू वसावा और उनके बेटे महेश वसावा का वोट बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए ही काफी अहम था। हालांकि इनके वोट न करने से बीजेपी को काफी हद तक फायदा होता दिख रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, इनके वोट न करने के फैसले से बीजेपी के तीसरे कैंडिडेट नरहरि अमीन के भी जीतने की संभावनाएं बनती दिख रही हैं।

अंतिम समय में दोनों विधायकों के वोट न करने के फैसले को लेकर अटकलें भी तेज हो गई हैं। हालांकि वोटिंग से पहले बीटीपी ने कहा कि जब तक कि आदिवासियों, प्रवासियों और दलितों के कल्याण को लेकर उन्हें लिखित में आश्वासन नहीं दिया जाता है, वे वोट नहीं करेंगे। महेश वसावा ने वोटिंग से पहले कहा, ‘जब तक हमें लिखित में आश्वासन नहीं मिलता, तब तक हम वोट नहीं करेंगे। हम एक स्वतंत्र पार्टी हैं जो बीजेपी और कांग्रेस दोनों से दूरी बनाकर रखते हैं।’

उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों ही पार्टियों ने एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक समुदाय और प्रवासी श्रमिकों के कल्याण के लिए कुछ नहीं किया। वसावा ने कहा, ‘आश्वासन मिलने के बाद ही हम मतदान के बारे में सोचेंगे।’ हालांकि देर शाम तक वोटिंग पर असमंजस की स्थिति के बाद आखिरकार उन्होंने वोट न करने का फैसला किया।

राज्यसभा चुनाव में यह है वोटों का गणित
गुजरात विधानसभा में बीजेपी विधायकों की संख्या 103 है। सभी तीन सीटों पर आराम से जीत के लिए उन्हें दो और वोट चाहिए थे। इसलिए बीटीपी के वोट बीजेपी के लिए अहम थे। हालांकि अगर ये दो वोट कांग्रेस को जाते तो पार्टी दोनों सीटों पर जीत के थोड़ा सा करीब आ जाती लेकिन दूसरी सीट पर जीत दर्ज करने के लिए उसे बहुमत नहीं मिल पाता। कांग्रेस को 70 वोटों की जरूरत है, जिनमें से 65 वोट उनके खुद के हैं और उन्हें निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी का समर्थन हासिल है।

तीन सीटों पर जीत सकती है बीजेपी, एक पर कांग्रेस की जीत तय
बीजेपी ने चार सीटों के लिए तीन उम्मीदवार उतारे हैं, वहीं कांग्रेस ने दो उम्मीदवारों को टिकट दिया है। बीजेपी यहां अपनी संख्या के मुताबिक दो सीटों पर आसानी से जीत सकती है जबकि कांग्रेस को भी एक सीट मिल सकती है लेकिन चौथी सीट के लिए दोनों पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला है। हालांकि बीटीपी के वोट न करने से बीजेपी को फायदा होता दिख रहा है और उनके तीसरे कैंडिडेट नरहरि अमीन के जीतने की उम्मीद बढ़ गई है। बीजेपी ने अभय भारद्वाज, रमीलाबेन बारा और नरहरि अमीन को उतारा है जबकि कांग्रेस की तरफ से शक्ति सिंह गोहिल और भरतसिंह सोलंकी मैदान में हैं।

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