गुजरात के इस गांव ने करके ‘जल दान’ बचाया दूल्‍हे का सम्‍मान

वडोदरा
शादी का दिन खुशियां लाता है लेकिन मंगलवार को छोटा उदयपुर जिले के संखेडा तालुका के रहने वाले नरेश तड़वी के लिए मंगलवार को बड़ी असमंजस की स्थिति बन गई। उनके घर करीब 1,000 मेहमान आने थे घर में पानी खत्‍म था। चूंकि उस दिन सुबह से ही बिजली नहीं आई थी इसलिए बोरवेल से पानी भी नहीं निकाला जा सका।

मजबूरन तड़वी के परिवार के सदस्‍यों ने गांव के हर घर के दरवाजे पर दस्‍तक दी और उनसे पानी 'दान' करने का अनुरोध किया ताकि मेहमानों के लिए खाना बनाया जा सके। पेशे से किसान तड़वी (30) कहते हैं, 'वैसे तो हर रोज बिजली जाती है, लेकिन ऐसा दिन के आखिर में होता है। लेकिन मंगलवार को तो सवेरे से ही बिजली नहीं थी इसीलिए बोरवेल भी नहीं चले।'

गांव में एक ही हैंडपंप था
गांव में एक ही हैंडपंप था जो काम करता था लेकिन मेहमानों के पीने और खाने के लिए जितना पानी चाहिए था उससे उतना निकालने में कई घंटे लग जाते। तड़वी बताते हैं, 'इसलिए हमने घर-घर जाकर लोगों से पानी मांगा और वे आसानी से तैयार हो गए।' गांव भर की करीब 35 से 40 औरतों ने तड़वी परिवार को दो-दो घड़े पानी दिया ताकि उनकी दावत का मजा किरकिरा न हो जाए।

खुश होकर तड़वी ने बताया, 'हमें दो ड्रम भरने के लिए पर्याप्‍त मात्रा में पानी मिल गया था। इसके अलावा और पानी लाने के लिए बहुत सी दूसरी औरतें भी कतार लगाकर हैंडपंप से पानी भरती रहीं। सुबह तो बहुत मुश्किल समस्‍या खड़ी हो गई थी क्‍योंकि दूर के शहरों और गांवों से दोपहर की दावत के लिए मेहमान आने लगे थे।'

इलाका पानी की कमी से जूझ रहा है
यह आदिवासी बहुल इलाका पानी की कमी से जूझ रहा है। यहां कई बार ऐसे मौके आएं हैं कि मेहमानों को पानी उपलब्‍ध कराने के लिए दुल्‍हनें तक हैंडपंप से पानी निकालने के लिए लाइन में लगी हैं।

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