गांधी मेडिकल कॉलेज में छात्रों की सुरक्षा का मुद्दा गरमाया, CM को लिखा पत्र

भोपाल
मध्य प्रदेश की राजधानी के गांधी मेडिकल कॉलेज में छात्रों की सुरक्षा का मुद्दा गरमाया हुआ है। कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स ने इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कॉलेज के डीन को हटाने की मांग की है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सोमवार से जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर जा रहे हैं।

दरअसल, दो दिन पहले मेडिकल कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल के एक कमरे अंजान युवक के घुसने से सनसनी फैल गई थी। युवक ने हॉस्टल में महिला डॉक्टर के साथ बदतमीज़ी की और उसे धमकाया भी। जब इस मामले की शिकायत लेकर छात्र डीन के पास पहुंचे तो किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की गई न ही कोई सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अभी तक पुख्ता इंतजाम किए गए। कॉलेज की एक जूनियर डॉ का आरोप है कि उसके साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया गया है लेकिन कॉलेजि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से न लेकर छात्रों की आवाज़ दबाने में लगा है। डीन के इस रवैये से खफा होकर जूनियर डॉक्टर्स ने हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है साथ ही जूनियर्स डॉक्टर्स सहित एम बी बी एस छात्र प्रदर्शन भी करने पर मजबूर हो गए हैं।

जीएमसी डीन डॉ अरुणा कुमार ने स्वीकार किया, "मैंने छात्रा को प्रक्रिया के तहत आने के लिए कहा था।" जून में हॉस्टल में एक ही लड़की के कमरे में तोड़-फोड़ और डकैती हुई थी, डॉ कुमार ने कहा छेड़छाड़ करने वाले मेडिकल छात्र ने शनिवार देर रात पुलिस शिकायत में एक लाइन जोड़ी। प्रभावित छात्रा ने शनिवार को आरोप लगाया था कि जब वह जून की घटना के बाद डॉ. कुमार के पास पहुंची, तो उन्हें उचित चैनल के माध्यम से आने को कहा गया।

लुटेरे लड़कियों के कमरे में घुस गए और उसका लैपटॉप छीन लिया। डॉ। कुमार ने कहा, एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। “एक प्रशासक के रूप में मैं एक बार कार्रवाई करूंगा जब वार्डन मुझे घटना के बारे में लिखेगा। आज रविवार था, गर्ल्स हॉस्टल में हुई घटना का विवरण मांगा गया है। डॉ कुमार ने नियमों की व्याख्या करते हुए कहा, "हॉस्टल वार्डन को दरकिनार कर काम नहीं किया जा सकता है।"

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