गलवान घाटी में शहीद राजेश ओरांग के भाई जबलपुर से रवाना

जबलपुर
भारत-चीन की सीमा लद्दाख  में भारतीय सेना और चीनी सेना  के बीच हुई मुठभेड़ में पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले के रहने वाले जवान राजेश ओरांग भी शहीद हो गए हैं।जैसे ही उनके भाई देवाशीष को सूचना मिली कि उनके भाई भारत- चीन सीमा में हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए हैं तो वह शोक में डूब गए।अपने भाई के अंतिम संस्कार में उन्हें तुरंत ही घर जाना था।वर्तमान में लॉकडाउन के चलते ट्रेनें भी बंन्द है ऐसे में उनके साथियों ने मदद की और अब देवाशीष को पहले बाय रोड रायपुर भेजा जा रहा है उसके बाद वह फ्लाइट से कोलकाता जाएंगे। राजेश के भाई देवाशीष उरांग ने बताया कि उनके भाई 2016 में बिहार रेजीमेंट में ज्वाइन हुए थे।बचपन से ही राजेश की इच्छा थी कि वह सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा करे।हाल ही में जब अपनी बहन की शादी में घर आए राजेश उरांग की फ़ोटो भी हमे देखने को मिली जिसमे वह अपनी बहन के साथ बहुत खुश नजर आ रहे है।

देवाशीष ने ही कहा था कि राजेश सेना में भर्ती हो जाओ….
शहीद राजेश के भाई देवाशीष ने बताया कि बचपन से ही राजेश की जो हरकते थी वह सैनिकों जैसी थी यही वजह है कि उन्होंने ही राजेश को सलाह दी थी कि वह सेना में भर्ती हो जाए।

ऑर्डन्स फैक्टरी खमरिया के कर्मचारियों ने की देवाशीष की मदद….
शहीद राजेश उरांग के भाई केंद्रीय सुरक्षा संस्थान ऑर्डन्स फैक्ट्री खमरिया में पदस्थ हैं। कर्मचारियों को जैसे ही पता चला कि उनके साथी देवाशीष के भाई राजेश मुठभेड़ में शहीद हो गए हैं वैसे ही सभी कर्मचारी एकजुट हो गए।चूँकि किसी भी तरह से देवाशीष को उनके घर तक पहुंचाना था लिहाजा कर्मचारियों ने देवाशीष को कोलकाता तक पहुंचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया। कर्मचारियों की मदद से देवाशीष जबलपुर से रायपुर तक कार से जाएंगे और फिर रायपुर से फ्लाइट के द्वारा वह कोलकाता पहुंचेंगे।
 

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