गया लोकसभा सीट: महागठबंधन के सहारे जीतनराम मांझी तोड़ेंगे BJP का तिलिस्म?

नई दिल्ली        
बिहार का गया जिला राज्य के दक्षिणी हिस्से में और झारखंड सीमा पर स्थित है. फल्गु नदी के तट पर बसा गया एक धार्मिक नगरी के रूप में दुनियाभर में विख्यात है. पितृपक्ष के अवसर पर यहां लाखों श्रद्धालु पिंडदान के लिए जुटते हैं. गया से करीब 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है बोधगया जो बौद्ध धर्म का प्रमुख तीर्थस्थल है और यहीं बोधि वृक्ष के नीचे भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. महाग्रंथ रामायण में भी इस जगह का जिक्र मिलता है.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

आरक्षित सीट होने के कारण गया की सियासत काफी अलग तस्वीर पेश करती है. आजादी के बाद 5 बार कांग्रेस इस सीट से जीतने में कामयाब रही है. फिर 1989 से जनता दल ने लगातार तीन बार यहां के चुनाव में धाक जमाई. 1998 और 1999 का चुनाव यहां से बीजेपी ने जीता. 2004 में आरजेडी के राजेश कुमार मांझी ने इस सीट को जीता. इसके बाद 2009 और 2014 के चुनाव में बीजेपी के हरी मांझी ने यहां से जीत का परचम लहराया. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतनराम मांझी गया से विधायक रहे हैं और लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं.

गया सीट का समीकरण

यह इलाका नक्सल प्रभावित है. गया लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीट है. गया लोकसभा सीट पर वोटरों की कुल संख्या 1,329,192  है. इनमें से 705,874  पुरुष मतदाता हैं जबकि 623,318 महिला वोटर हैं.

विधानसभा सीटों का समीकरण

गया संसदीय सीट के तहत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं- शेरघाटी, बाराचट्टी, बोधगया, गया टाउन, बेलागंज और वजीरगंज. इनमें से बाराचट्टी और बोधगया दोनों आरक्षित सीटें हैं. 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में इन 6 सीटों में से 3 सीटें आरजेडी जबकि 1-1 सीट बीजेपी-जेडीयू और कांग्रेस के खाते में गईं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *