गठबंधन पर BJP के अल्टीमेटम का शिवसेना ने दिया दो टूक जवाब, हमारी डिक्शनरी में नहीं ये शब्द

मुंबई

महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिवसेना के बीच लगातार अनबन की खबरें आती रही हैं. 2 दिन पहले पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में से तीन राज्यों में हार के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के 'एकला चलो' की रणनीति पर चलने के संकेत और आगामी लोकसभा चनाव से पहले शिवसेना को गठबंधन पर फैसला करने संबंधी अल्टीमेटम की खबर पर शिवसेना ने कहा कि उसे कोई अल्टीमेटम नहीं दे सकता. यह शब्द उसकी डिक्शनरी में नहीं है.

महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच लंबे समय से गठबंधन है और दोनों पार्टियां लगातार मिलकर चुनाव लड़ती रही हैं. गठबंधन के मुद्दे पर राउत का कहना है कि एक साल पहले ही पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव पास कर चुकी है. उन्होंने कहा कि शिवसेना ने कार्यकारिणी की बैठक में यह प्रस्ताव पास कर चुकी है. हम तब से इसी स्टैंड पर हैं. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के पास इस संबंध में फैसला लेने का पूरा अधिकार है.

अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी

अमित शाह के अपने सांसदों के अकेले ही चुनावी तैयारी के लिए तैयारी करने की खबरों के बीच शिवसेना सांसद संजय राउत ने बीजेपी के साथ गठबंधन पर कहा कि पार्टी पहले से ही 'एकला चलो रे' के सिद्धांत पर है. राउत ने कहा, 'इस देश की राजनीति में शिवसेना को अल्टीमेटम देने वाला अब तक कोई निर्माण नहीं हुआ है, अल्टीमेटम शब्द हमारे डिक्शनरी में नहीं है.'

मीडिया से जुड़े सूत्रों का कहना है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने महाराष्ट्र में अपने सभी सांसदों से राज्य में अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी करने का निर्देश दिया है. सूत्रों के अनुसार, अमित शाह ने राज्य के सांसदों के साथ बैठक में साफ-साफ कहा कि हमें ऐसे गठबंधन में क्यों जाना चाहिए, जिसके बदले में हमें नुकसान हो. लंबे समय से दोनों के बीच तकरार को देखते हुए लगता है कि बीजेपी शिवसेना से गठबंधन किसी नुकसान की कीमत पर नहीं करना चाहती.

संजय राउत ने आगे कहा कि हम फाइटर्स हैं. हम भाग जाने वालों में से नहीं हैं. महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी और बालासाहेब ठाकरे की धरती है. पार्टी पहले ही 'एकला चलो रे' कह चुकी है और हम अकेले ही जाएंगे.

शिवसेना ने लांघी सीमा

शिवसेना के नेताओं की ओर से केंद्र सरकार के खिलाफ लगातार बयानबाजी पर बीजेपी के नेताओं का मानना है कि शिवसेना गठबंधन में रहते हुए लगातार बयानबाजी करते हुए अपनी सीमा लांघ रही है. उद्धव ठाकरे भी अपनी कई रैलियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस के नारे-चौकीदार चोर है, का इस्तेमाल किया.

सूत्रों का कहना है कि अपनी नाराजगी जताकर शिवसेना विधानसभा चुनावों में बीजेपी से मोलभाव करने के लिए दबाव बनाने की फिराक में है. महाराष्ट्र में 288 सीटों वाली विधानसभा में शिवसेना बराबरी की हिस्सेदारी चाहती है, लेकिन जब बीजेपी के पास 123 अपने ही विधायक हैं तो उसका शिवसेना को आधी यानी 144 सीटें देना असंभव है. हालांकि शिवसेना को उम्मीद है कि पिछले दिनों विधानसभा चुनाव में हार के बाद बीजेपी उसके साथ समझौते करने को मजबूर हो गई है.

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