गंगा में गिरा सीवेज, 262 टेनरियों की बंदी का आदेश

 कानपुर 
कानपुर के जाजमऊ इलाके में शुक्रवार की सुबह सीवर लाइन की खुदाई से सिंचाई कैनाल टूट गया। सीईटीपी से सिंचाई के लिए छोड़ा जाने वाला सीवेज गंगा में गिरने के बाद डीएम ने 262 टेनरियों की बंदी का आदेश जारी कर दिया है।

नमामि गंगे परियोजना के तहत गहरी सीवर लाइन डालने का काम पिछले दो हफ्ते से चल रहा है। शुक्रवार को भी जेसीबी से खुदाई हो रही थी। इसी बिच सीईटीपी से सिंचाई के लिए जाने वाले कैनाल का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। सूचना के बाद पहुंची नगर निगम जोन दो की टीम ने प्लांट से निकलने वाले ट्रीट हुए पानी को ही बंद कराया। शाम से कैनाल की मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया मगर गंगा ट्रीट किए हुए पानी के साथ ही टेनरियों का डिस्चार्ज भी जाने लगा था।

आखिरकार इसकी सूचना जिलाधिकारी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दी गई। बोर्ड ने कैनाल की मरम्मत होने तक 262 टेनरियों की बंदी की संस्तुति की जिसकी डीएम ने स्वीकृति दे दी। बोर्ड के सहायक अभियंता आशुतोष पाण्डेय ने बताया कि यह तय नहीं है कि टेनरियों को कब तक बंद रखा जाएगा मगर कैनाल की मरम्मत की रिपोर्ट आने के बाद खोलने का प्रस्ताव किया जाएगा।

दूसरी ओर नगर निगम जोन दो के अधिशासी अभियंता एसके सिंह ने बताया कि जल निगम की खुदाई से ही कैनाल का हिस्सा टूटा है। अब पानी को मोड़कर मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है। टेनरियों को इसलिए भी बंद रखना जरूरी है क्योंकि उधर से आने वाले उत्पवाह में कमी होगी और मरम्मत आसानी से हो सकेगी। अब सीईटीपी से ट्रीट किए हुए सीवेज को कैनाल की तरफ न मोड़कर एयरफोर्स नाले से गंगा में गिराया जा रहा है।

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