खुले में नहीं होगी कोरोना वायरस की जांच, संदिग्ध को पिछले दरवाजे से ले जाएंगे
नई दिल्ली
कोरोना वायरस की जांच के लिए नोडल सेंटर बनाए गए राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अब खुले में मरीजों की स्क्रीनिंग नहीं होगी। अस्पताल प्रशासन ने जांच के लिए नई जगह तय कर दी है, जहां दूसरे मरीजों और तीमारदारों के आने-जाने की मनाही है। अस्पताल में सीसीयू के पास चार कमरे तैयार किए गए हैं, यहां कोरोना वायरस की जांच के लिए आने वाले लोगों के पंजीकरण और सैंपल लेने आदि की व्यवस्था की गई है।
खांसी-जुकाम होने पर भी पहुंच रहे
कोरोना के मामले भले ही अभी कम हैं, मगर संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। अस्पतालों में एहतियातन अधिकांश मरीज मास्क लगाकर आ रहे हैं। अस्पताल में जांच के लिए आने वाले अधिकतर मरीज वे हैं, जिन्हें खांसी, जुकाम, बुखार या गले में दर्द की शिकायत है। आरएमएल पहुंचे रोहित ने बताया कि दो दिन से खांसी-जुकाम और बुखार है। ऐसे में कोरोना के लक्षण जानने के बाद वे डर गए। पहले वे जांच के लिए जगप्रवेश अस्पताल गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल भेज दिया। अस्पताल में कई ऐसे मरीज जांच केंद्र पहुंचे, जिन्हें सिर्फ फ्लू जैसे लक्षण थे।
संदिग्ध को पिछले दरवाजे से ले जाएंगे
राम मनोहर लोहिया अस्पताल में स्क्रीनिंग के अलावा 20 बेड का अलग वार्ड बनाया गया है। अगर स्क्रीनिंग में किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस के संदिग्ध लक्षण पाए जाते हैं तो उसे पिछले दरवाजे से पृथककृत वॉर्ड में ले जाया जाएगा। अस्पताल प्रशासन का दावा है कि कोरोना वायरस की स्क्रीनिंग के लिए जगह-जगह साइन बोर्ड भी लगाए गए हैं ताकि स्क्रीनिंग के लिए आने वाले किसी भी व्यक्ति को कोई परेशानी ना हो।
बाहर जांच करने का विरोध हुआ था
बीते कुछ दिनों से इमरजेंसी के सामने खुले में कोरोना वायरस की स्क्रीनिंग की जा रही थी, जिससे वहां से गुजरने वाले दूसरे मरीजों और तीमारदारों को खतरा हो सकता था। सोशल मीडिया पर इसका काफी विरोध हुआ था। हालांकि, शुक्रवार तक अस्पताल प्रशासन दावा कर रहा था कि इमरजेंसी के सामने खुले में जांच की मंजूरी उन्हें एनसीडीसी और स्वास्थ्य मंत्रालय से ही मिली है, लेकिन बाद में स्क्रीनिंग की जगह बदल दी गई।