खाद्य विभाग की मदद से राशन दुकान से चावल- गेहूं लिए जायेंगे सैंपल, कुसी-कचरा मिलने पर लाइसेंस निरस्त

भोपाल
जिले की 400 से अधिक राशन दुकानों पर अब प्रशासन के अफसर जांच करेंगे। यहां पर जनता को बांटने वाले गेहूं और चावल की जांच की जाएगी। यदि इसमें तनिक भी गड़बड़ी प्रतीत होगी, तो उसके तत्काल सैंपल लेकर उस चावल को ना बांटने के निर्देश दिए जाएंगे। जिला प्रशासन ने बीते दिनों राशन दुकान से चावल के सैंपल अमानक निकलने पर यह निर्णय लिया है। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा लिए गए सैंपल की जांच रिपोर्ट में मुख्य बात यह सामने आया है कि इस चावल में तय मात्रा से अधिक कीड़े पाए गए हैं। इसे खाने से आदमी बीमार पड़ सकता है। अब खाद्य विभाग की मदद से इस मामले में जल्द ही जांच अभियान चलाया जाएगा। दरअसल, राशन दुकानों में एक महीने पहले एडवांस में राशन पहुंच जाता है। साथ ही महीने के पहले सप्ताह से दुकानों में खाद्य सामग्री बांटने का काम शुरू हो जाता है।

र्इंटखेड़ी सड़क पर स्थित शासकीय राशन दुकान पर 13 जुलाई को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने छापामार कार्रवाई की थी। यहां पर उन्हें गेहूं और चावल में गड़बड़ी मिली थी। यहां पर दोनों के सैंपलों की जांच में चावल अमानक और गेहूं में कुसी और कचरा पाया गया था। इस पर शासकीय राशन दुकान संचालक पर तत्काल कार्रवाई करते हुए उस पर एफआईआर कराई गई थी। साथ ही उसकी दुकान का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया था।

सूत्रों के अनुसार ईटखेड़ी में मंत्री की छापामार कार्रवाई के तत्काल बाद नागरिक आपूर्ति निगम और वेयर हाउसिंग विभाग के मुख्यालय में बैठे आला अफसरों ने अपने स्तर पर एक जांच कराई थी। अधिकारियों की रिपोर्ट के अनुसार चावल की बोरी भींगने या नमी लगने के चलते चावल में लाल कीड़े पड़ गए होंगे। इस कारण चावल खराब हो गया है। ऐसे में खराब चावल को सप्लाई क्यों कराया गया। इस मामले में भी अंदरूनी होने की संभावना बन रही है।

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